उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राममंदिर आंदोलन में बीजेपी के पोस्टर ब्यॉव रहे कल्याण सिंह का शनिवार को लखनऊ के संजय गांधी स्नात्कोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) में निधन हो गया। पीजीआई की ओर से मिली जानकारी के अनुसार 4 जुलाई को अस्पताल में भर्ती कराए गए कल्याण सिंह का लंबी बीमारी के बाद आज मल्टी ऑर्गन फेल्योर के कारण निधन हो गया। लंबी बीमारी के बाद उनके सभी अंगों के धीरे-धीरे फेल होने के कारण उन्होंने आज अंतिम सांस ली।
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कल्याण सिंह के निधन की खबर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत बीजेपी के कई नेताओं ने शोक जताया है। इस बीच कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर को अस्पताल से लखनऊ के उनके घर पर लाया गया है। सीएम योगी ने कल्याण सिंह के निधन पर राज्य में 3 दिन के राजकीय शोक का ऐलान करते हुए बताया कि उनका अंतिम संस्कार 23 अगस्त की शाम को नारोरा में गंगा के तट पर होगा। 23 अगस्त को राज्य में सार्वजनिक छुट्टी रहेगी।
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यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह की हालत गंभीर होने पर उन्हें 4 जुलाई को एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया था। उन्हें क्रिटिकल केयर आईसीयू में रखा गया था। संस्थान के क्रिटिकल केयर, न्यूरोलॉजी, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, इंडोक्राइनोलॉजी सहित विभिन्न विभागों के प्रोफेसरों की टीम उनके इलाज में लगी हुई थीं। उपचार के करीब चार दिन बाद उनकी तबीयत में काफी सुधार हुआ। वह लोगों से बातचीत करने के साथ उनका जवाब भी दे रहे थे। 17 जुलाई को सांस लेने में तकलीफ बढ़ने पर ऑक्सीजन सपोर्ट दिया गया। अगले दिन फेफड़ों को जरूरत के अनुसार ऑक्सीजन न मिलने पर 18 जुलाई को गले में नली (नॉन इनवेसिव वेंटिलेशन) डाली गई। ज्यादा दिक्कत बढ़ने पर 21 जुलाई को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया।
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बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में से एक कल्याण सिंह का पार्टी के साथ ही प्रदेश की राजनीति में भी काफी विशाल कद था। अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विंध्वस के समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह बीजेपी के कद्दावर नेताओं में से एक थे। इसके बाद वह राम मंदिर आंदोलन के पोस्टर ब्वॉय बन गए थे।
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कल्याण सिंह का जन्म 6 जनवरी 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था। उनके पिता का नाम तेजपाल लोधी और माता का नाम सीता देवी था। अतरौली से विधानसभा सदस्य रहे कल्याण सिंह दो बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। वह बुलंदशहर और एटा से लोकसभा सदस्य भी रहने के साथ राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल भी रहे। राज्यपाल के रूप में अपना कार्यकाल समाप्त करने के बाद कल्याण सिंह ने लखनऊ में आकर एक बार फिर से भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी।
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