कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पोते और जेडीएस नेता प्रज्वल रेवन्ना के हासन लोकसभा सीट से निर्वाचन को रद्द कर दिया है। न्यायमूर्ति के. नटराजन की अध्यक्षता वाली पीठ ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अपनी संपत्ति का पूरा विवरण नहीं देने के मामले में रेवन्ना के चुनाव को अमान्य घोषित किया है।
उच्च न्यायालय ने अधिवक्ता जी. देवराजेगौड़ा और 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के पराजित उम्मीदवार ए. मंजू द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई के बाद यह फैसला दिया। याचिकाओं में आरोप लगाया गया था कि रेवन्ना ने चुनाव आयोग को अपनी संपत्ति का पूरा विवरण नहीं दिया था। पीठ ने चुनाव आयोग को चुनाव प्रक्रिया संचालन नियमों के अनुसार चुनाव कदाचार के संबंध में रेवन्ना के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का भी निर्देश दिया है।
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मंजू ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि रेवन्ना ने फॉर्म नंबर 26 में गलत जानकारी दी थी और यह कोर्ट में साबित हो गया है। हालांकि, कोर्ट ने मंजू की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने कोर्ट से खुद को विजेता घोषित करने की मांग की थी। उनके खिलाफ भी चुनाव में गड़बड़ी के आरोप साबित होने के बाद कोर्ट ने उनकी दलील खारिज कर दी। पीठ ने उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार को जेडीएस विधायक और देवेगौड़ा के बेटे एच.डी. रेवन्ना और जेडीएस एमएलसी और रेवन्ना के बेटे सूरज रेवन्ना को भी चुनाव संबंधी कदाचार के लिए नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है।
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मंजू ने शुरुआत में इस संबंध में एक याचिका दायर की थी। हालांकि, उच्च न्यायालय ने याचिका को रद्द कर दिया था और माना था कि यह एक गलत प्रस्तुति थी। इसमें कहा गया था कि उचित प्रस्तुतिकरण के लिए पर्याप्त समय दिए जाने के बावजूद याचिकाकर्ता ऐसा करने में विफल रहा।देवराजे गौड़ा ने इस संबंध में उच्च न्यायालय के आदेश पर सवाल उठाते हुए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय को याचिका पर विचार करने का निर्देश दिया था।
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देवराजे गौड़ा ने कहा था कि रेवन्ना ने अवैध संपत्ति अर्जित की है, उन्होंने आरोप लगाया था कि 15 साल की उम्र में प्रज्वल रेवन्ना के पास 23 करोड़ रुपये की संपत्ति थी। उन्होंने कहा कि आईटी विभाग को सौंपे गए उनके आवेदन में इन तथ्यों का उल्लेख नहीं किया गया है। उन्होंने दावा किया कि जेडीएस नेता ने चुनाव आयोग को गलत जानकारी भी सौंपी थी और सरकारी भूमि और बेनामी संपत्ति पर भी अतिक्रमण किया था।
हासन लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की परंपरागत सीट रही है। उन्होंने काफी लंबे समय तक इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था। हालांकि, बाद में उन्होंने अपने पोते को ये सीट दे दिया था, जो बाद में 2019 के चुनावों में जीतने वाले एकमात्र जेडीएस उम्मीदवार बन गए। अब हाईकोर्ट के आज के फैसले के बाद इस सीट पर फिर से चुनाव हो सकता है।
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