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शरद पवार का साथ छोड़ तारिक अनवर ने थामा कांग्रेस का हाथ, राहुल गांधी ने किया स्वागत

पूर्व एनसीपी नेता तारिक अनवर ने दिल्ली में कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की और पार्टी में शामिल हो गए। कटिहार से सांसद अनवर ने हाल में पार्टी प्रमुख शरद पवार से मतभेदों के चलते एनसीपी से इस्तीफा दे दिया था।

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फोटो: @INCIndia शरद पवार का साथ छोड़ तारिक अनवर ने थामा कांग्रेस का हाथ

हाल ही में एनसीपी से इस्तीफा देने वाले तारिक अनवर ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ली।

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हाल ही में शरद पवार का राफेल डील पर पीएम मोदी का साथ देने से नाराज हो गए थे और उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की सदस्यता के साथ-साथ लोकसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने का बाद उन्होंने कहा था, “प्रधानमंत्री मोदी पूरी तरह राफेल डील सौदे में लिप्त हैं और वे अभी तक अपने को पाक साफ साबित करने में असफल रहे हैं। फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति द्वारा इस संबंध में दिए गए बयान से राफेल डील में घोटाले की पुष्टि होती है।” उन्होंने कहा था कि ऐसे में पार्टी अध्यक्ष शरद पवार द्वारा प्रधानमंत्री के बचाव में आने से वे पूरी तरह असहमत हैं।

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16 जनवरी 1951 को पटना में जन्मे तारिक अनवर ने राजनीति में आने से पहले कुछ समय तक पत्रकारिता भी की। उनकी प्रारंभिक शिक्षा पटना में हुई। इसके बाद उन्होंने पटना कॉमर्स कॉलेज से बीएससी की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने बोधगया के मगध विश्‍वविद्यालय से राजनीति में एमए की उपाधि प्राप्‍त की। कॉलेज के दिनों से ही तारिक अनवर ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। उन्‍होंने इस दौरान कांग्रेस छात्र संघ का दामन थाम रखा था। तारिक अनवर ने राजनीति में पूर्ण रूप से आने से पहले कुछ समय तक पटना में ही पत्रकारिता की। उन्‍होंने 1972 में पटना से 'छात्र' नामक हिन्‍दी में टैब्लॉयड साप्‍ताहिक समाचार-पत्र शुरू किया। 1974 में वे ‘युवक धारा’ और साप्‍ताहिक टैब्लॉयड पत्रिका ‘पटना’ के संपादक बने।

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तारिक अनवर का 1977 में कटिहार लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे, लेकिन वो जीत नहीं पाए। तीन साल के बाद 1980 में जीतकर संसद पहुंचे। इसके बाद 1985 में दोबारा जीत हासिल की। सांसद बनते ही यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। 1988 में वे कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। 1989 में वे बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्‍यक्ष बने और 1993 में कांग्रेस के अल्पसंख्यक सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। तारिक अनवर 1996 में वे तीसरी बार संसद चुने गए और कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष पीवी नरसिंहा राव के राजनीतिक सचिव बने। इसके बाद कांग्रेस के अध्यक्ष सीताराम केसरी बने तो तारिक अनवर को 1997 में कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्‍य चुना गया। तारिक अनवर 1998 में वे एक बार फिर लोकसभा चुनाव जीते। साल 1999 में तारिक अनवर ने कांग्रेस छोड़ दी थी। शरद पवार, पीए संगमा और तारिक अनवर ने मिलकर एनसीपी की नींव रखी थी।

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