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हरियाणा के एकमात्र दलित मठ पर कब्जे की कोशिश में बीजेपी सांसद, उदित राज ने खट्टर सरकार पर लगाया मदद का आरोप

मिशन एकता परिषद की अध्यक्ष कांता आलाडिया ने बीजेपी सांसद बालकनाथ पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बालकनाथ द्वारा दलित मठ पर अवैध कब्जा करने की कोशिश की जा रही है। इस मामले में शिकायत के बावजूद अब तक प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

फाइल फोटोः @Dr_Uditraj
फाइल फोटोः @Dr_Uditraj 

पूर्व सांसद और अनुसूचित जाति/जनजाति परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ उदित राज ने शुक्रवार को दिल्ली के प्रेस क्लब में एक प्रेस कांफ्रेंस कर आरोप लगाया कि हरियाणा में एकमात्र दलित मठ को स्थानीय बीजेपी सांसद द्वारा कब्जाने की कोशिश की जा रही है और इसमें राज्य की खट्टर सरकार मदद कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सारा खेल मठ की 900 बीघा जमीन पर कब्जा करने के लिए हो रहा है।

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उदित राज ने बताया कि अतीत में गोरखनाथ पीठ से जुड़े बाबा मस्तनाथ ने रोहतक में पीठ की स्थापना की थी। उन्होंने 3 वारिस बनाए और तीनों को बराबर का अधिकार दिया। इनमें से एक औघड़ पीर बाबा सूरत नाथ थे, जो दलित समाज से आते थे। वर्तमान में बाबा रमेश नाथ बाबा सूरत नाथ की गद्दी पर हैं। जिनको डरवा कर भगाने का षड्यंत हो रहा है। असल में मठ की लगभग 900 बीघा जमीन है, जिस पर आरएसएस से जुड़े बीजेपी के सांसद बालक नाथ कब्जा करना चाह रहे हैं। मनोहर लाल खट्टर की सरकार जबरन कब्जा करा रही है।

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पूर्व सांसद ने कहा कि दलित की बेटी और मिशन एकता परिषद की अध्यक्ष कांता आलडिया जान जोखिम में डालकर इस दलित मठ के लिए लड़ रही हैं। 30 मार्च को रोहतक के अम्बेडकर चौक पर मठ पर कब्जे के खिलाफ बड़ी पंचायत का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रशासन से बात हुई और तय हुआ कि 31 मार्च को प्रशासन तथ्य के आधार पर फैसला देगा। लेकिन ऐसा नहीं होने पर अब इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने का फैसला किया गया है।

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मिशन एकता परिषद की अध्यक्ष कांता आलाडिया ने बीजेपी सांसद बालकनाथ पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बालकनाथ द्वारा दलित मठ पर अवैध कब्जा करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि महंत रमेश नाथ चेला महंत शीशराम नाथ चेला महंत मामनाथ महंत डेरा बाबा सूरत नाथ औघड़ पीर स्थल बोहर रोहतक के दलित मठ में वर्तमान में मठाधीश हैं। आलाडिया ने कहा कि 3 जुलाई 2016 को महंत श्री रामनाथ जी कि मृत्यु के उपरान्त परंपरागत तरीके से विधिवत उनका चेला होने के नाते बाबा रमेशनाथ को उनका उत्तराधिकारी घोषित किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा (16-1-2020) को महंत शीशनाथ जी की संपत्ति का महंत रमेशनाथ जी को सक्सेशन सर्टिफिकेट भी मिला था।

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कांता आलडिया ने आगे बताया कि इसके बाद 3 मई 2020 की रात कुछ अपराधियों द्वारा मठ में बनी समाधियों को नुकसान पहुचाया गया। इससे महंत रमेश नाथ जी और अनुयाइयों के साथ-साथ मठ में गहरी आस्था रखने वाले लाखों लोगों की भावना को गहरी ठेंस पहुची है। इस मामले में शिकायत के बावजूद अब तक प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

वही महंत रमेशनाथ ने कहा कि डेरे के नाम पर पूर्व में बड़े पैमाने पर धांधली की गई है, जिसकी जांच एक स्वतंत्र संस्था द्वारा की जानी चाहिए। डेरे में अपराधियों द्वारा तोड़-फोड़ की घटना को अंजाम दिया गया, मठ में समाधियों को क्षति पहुंचाई गई। रमेशनाथ ने कहा कि इस मामले में कारवाई नही हुई है, जिससे लगता है कि प्रशासन कि मिलीभगत से सब चल रहा है।

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