उत्तर प्रदेश में एसपी और बीएसपी के बीच हुए गठबंधन के ऐलान के बाद प्रदेश से लेकर दिल्ली तक राजनीतिक अनुमानों का दौर शुरू हो गया है। इस बात की चर्चा तेज है कि इस गठबंधन से बीजेपी के लिए सबसे ज्यादा मुश्किल होगी। इस बात को अब खुद बीजेपी के नेता मानने लगे हैं।
एसपी-बीएसपी गठबंधन से बीजेपी को होने वाली मुश्किल को लेकर अब केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री रहे केंद्रीय मंत्री और मुजफ्फरनगर के बीजेपी सांसद संजीव बालियान ने बयान दिया है। बालियान ने स्वीकार किया है कि 2019 लोकसभा चुनाव बीजेपी के लिए एक मुश्किल संघर्ष होगा। बालियान ने कहा कि खासकर उत्तर प्रदेश में एसपी-बीएसपी गठबंधन की वजह से लड़ाई कड़ी होगी।
बीजेपी सांसद ने स्पष्ट तौर पर कहा, "यह स्वीकार करने में कोई नुकसान नहीं है कि एसपी और बीएसपी के महागठबंधन के बाद लड़ाई मुश्किल होगी।" साल 2013 के मुजफ्फरनगर दंगे को भड़काने के आरोपी रहे नेताओं में से एक बालियान ने कहा कि जब कुछ राजनीतिक दल एकजुट होते हैं तो एक सहज प्रतिक्रिया होती है। उन्होंने कहा, "प्रत्येक क्रिया के विरुद्ध प्रतिक्रिया होती है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि समाज का एक बड़ा वर्ग हमें वोट नहीं करता है। चाहे वह धार्मिक आधार पर हो या किसी अन्य आधार पर।"
साल 2014 में लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले 2013 में हुए सांप्रदायिक दंगे में करीब 62 लोगों की मौत हुई थी और 50,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए थे। कई राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि बीजेपी ने उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में 71 सीटें सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के कारण जीती थीं जिसकी शुरुआत मुजफ्फरनगर से ही हुई थी।
दंगों के बाद हुए लोकसभा चुनाव में बालियान ने बीएसपी के कादिर राणा को चार लाख वोटों से हराया था। जिसके बाद उन्हें मोदी सरकार में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री बनाया गया था। 2016 में उन्हें जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय में भेज दिया गया और मंत्रिमंडल के अगले फेरबदल में उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया।
बालियान ने कहा कि जब 2014 में बीजेपी जीती थी, लोगों की आकांक्षाए काफी ज्यादा थीं और लोगों को अभी भी लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काफी कुछ किया है। उन्होंने कहा कि मोदीजी के बारे में सकारात्मकता अभी भी लोगों में है। हम सरकार के उपलब्धियों पर चुनाव लड़ेंगे।
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