जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार के पूर्णिया में शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैली में शामिल होने वाले लोगों में कोई उत्साह नहीं था। उन्होंने दावा किया कि अमित शाह को अपने भाषण के दौरान बार-बार लोगों से ताली बजाने और उत्साह दिखाने के लिए कहने पर मजबूर होना पड़ा।
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उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि "रैली में आए लोग अमित शाह के अनुरोध के बाद ही ताली बजा रहे थे। यह स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि लोगों का बीजेपी के प्रति कोई आकर्षण नहीं है। बिहार के लोगों को अब भगवा पार्टी पर भरोसा नहीं है।" उन्होंने कहा कि बिहार के लोग अब स्मार्ट हो गए हैं और वे बीजेपी के झूठ से अच्छी तरह वाकिफ हैं।
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वहीं जेडीयू के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा, "बीजेपी हम पर विश्वास तोड़ने का आरोप लगा रही है, लेकिन मैं बीजेपी से पूछना चाहता हूं कि उसके गठबंधन सहयोगी इसे क्यों छोड़ रहे हैं। उनके पास अपने गठबंधन सहयोगियों की पीठ में छुरा घोंपने की विचारधारा है। उन्हें 2015 के विधानसभा चुनाव को नहीं भूलना चाहिए। बिहार में जब पीएम मोदी ने राज्य भर में 42 रैलियां की थीं और केवल 53 विधानसभा सीटें जीती थीं। बिहार के लोग उन्हें आगामी चुनावों में सबक सिखाएंगे।"
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वहीं बीजेपी की पुर्णिया रैला पर आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा. "अमित शाह ने बिहार के विशेष दर्जे के बारे में बात नहीं की जिसकी लोग उम्मीद कर रहे थे। वे बीजेपी के झूठ से नाराज हैं और उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव में सबक सिखाएंगे। 2024 में बिहार में भगवा पार्टी और 2025 के विधानसभा चुनाव में कोई उसका नाम नहीं लेगा।"
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