हरियाणा से दिल्ली में आने वाली मुनक नहर का तटबंध टूटने से राजधानी के बवाना इलाके के कुछ हिस्सों में घुटनों तक पानी भर गया जिससे लोग घरों में कैद हो गए। मुनक नहर के तटबंध की दीवार टूटने की वजह से आसपास की कॉलोनियां जलमग्न हो गई हैं। पूरा इलाका पानी-पानी हो गया है। इसके चलते लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि लोगों के घरों में पानी घुस गया है। इस वजह से कई लोगों को अपने बेशकीमती सामान गंवाने पड़े हैं। पूरी रात यहां लोगों को पानी के बीच रहना पड़ा।
हादसे की जानकारी मिलने के बाद एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और स्थिति को काबू में किया। पानी में फंसे लोगों को नाव से निकाला गया। अब तक कई लोगों को निकाला जा चुका है। बताया जा रहा है कि मुनक नहर की दीवार टूटने से दिल्ली वासियों को भी पानी के संकट का सामना करना पड़ सकता है। मानसून ने लोगों को पानी के संकट से राहत दी थी।
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पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मुनक नहर के बैराज से पानी गुरुवार तड़के उत्तर पश्चिमी दिल्ली की जेजे कॉलोनी के जे, के और एल ब्लॉक में घुस गया जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। यहां के हालात के कई वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं जिनमें लोग कमर तक भरे पानी में सिलेंडर लेकर चल रहे हैं और एक-दूसरे को सहारा देते हुए दिख रहे हैं। अधिकारी ने कहा, ‘‘नहर का पानी बाहर आने के बारे में हमने आधी रात को ही एनडीआरएफ, बाढ़ नियंत्रण विभाग, लोक कल्याण विभाग और दिल्ली नगर निगम सहित सभी संबंधित विभागों को सूचित कर दिया था।’’
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उन्होंने बताया कि सोनीपत की तरफ से पानी का प्रवाह कम हो गया है और अधिकारियों ने हरियाणा से नहर के गेट बंद करने का अनुरोध किया है ताकि प्रवाह को नियंत्रित किया जा सके। यह नहर हरियाणा के करनाल जिले के मुनक में यमुना नदी से निकलती है। अधिकारियों ने बताया कि पानी का प्रवाह नियंत्रित होने के बाद ही मरम्मत का काम शुरू हो पाएगा। उन्होंने कहा कि पानी का प्रवाह रुकने के बाद ही रेत की बोरियां रखी जाएंगी। प्रवाह को नियंत्रित होने में 24 से 48 घंटे लगेंगे।
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वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कई महीनों से मुनक नहर की दीवार में लीकेज हो रही थी। इसकी शिकायत संबंधित अधिकारी से की गई थी, लेकिन उचित समय पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस वजह से यह हादसा हुआ। अगर समय रहते कार्रवाई की गई होती, तो शायद आज इस तरह की परिस्थिति पैदा ही नहीं होती। बता दें कि कई महीनों से हरियाणा की ओर से मुनक नहर में पानी छोड़ा जा रहा था, लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। हालांकि नहर की मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया गया है।
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घटना के बारे में दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आज सुबह मुनक नहर से निकलने वाली एक छोटी नहर का तटबंध टूट गया। मुनक नहर की देखभाल करने वाले हरियाणा के सिंचाई विभाग के साथ समन्वय में दिल्ली जल बोर्ड काम कर रहा है। हरियाणा का सिंचाई विभाग ही नहर का रखरखाव करता है। नहर के पानी के प्रवाह को अन्य छोटी नहर की तरफ मोड़ दिया गया है।’’ आतिशी ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और कहा कि मरम्मत कार्य जारी है।
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वहीं, स्थानीय सांसद योगेंद्र चंदोलिया भी हालात का जायजा लेने मौके पर पहुंचे। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि जल्द ही मरम्मत का काम पूरा कर लिया जाएगा। इस बीच, उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की लापरवाही की वजह से यह हादसा हुआ। अगर समय रहते कार्रवाई की गई होती, तो आज ऐसी नौबत ही नहीं आती। दरअसल, पानी की लाइन डालने के लिए डीडीए की ओर से 18 करोड़ दिल्ली जल बोर्ड को आवंटित किए गए थे, लेकिन बोर्ड ने अपना काम नहीं किया। अगर किया होता, तो सीवर लाइन डल गई होती और ऐसी स्थिति ही पैदा ना होती।
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