आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू और पार्टी के 20 अन्य नेताओं पर अन्नामय्या जिले में हाल ही में हुई हिंसा के संबंध में हत्या के प्रयास, दंगा भड़काने और आपराधिक साजिश रचने का मामला दर्ज किया गया है। हालांकि, चंद्रबाबू नायडू ने हिंसा के लिए राज्य में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है और सत्तारूढ़ दल का समर्थन करने के लिए पुलिस पर भी हमला बोला है।
उमपति रेड्डी की शिकायत पर मुदिवेदु थाने में दर्ज प्राथमिकी में चंद्रबाबू नायडू को आरोपी नंबर एक बनाया गया है। प्राथमिकी में पूर्व मंत्री देवीनेनी उमा, वरिष्ठ नेता अमरनाथ रेड्डी, विधान परिषद सदस्य भूमिरेड्डी रामगोपाल रेड्डी, नल्लारी किशोर, डी. रमेश, जी. नरहरि, एस. चिन्नाबाबू, पी. नानी और अन्य का भी नाम लिया गया।
टीडीपी नेताओं पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 147 (दंगा), 148 (घातक हथियार से लैस), 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसावे देना), 307 (हत्या का प्रयास), 115, 109 (अपराध के लिए उकसाना), 323, 324 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। साथ में आर/डब्ल्यू 149 (गैरकानूनी जमावड़ा) की धारा भी जोड़ी गई है।
रायलसीमा क्षेत्र में 4 अगस्त को सिंचाई परियोजनाओं की स्थिति का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे चंद्रबाबू नायडू की यात्रा के दौरान जिले के अनागल्लू शहर में हिंसा भड़क उठी थी। सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर टीडीपी के फ्लेक्स बैनर फाड़ने और नायडू की यात्रा के विरोध में रैली निकालने के बाद झड़पें शुरू हुईं। वाईएसआरसीपी कार्यकर्ताओं ने नायडू के काफिले पर पथराव किया था, जिसके बाद एनएसजी कमांडो को पूर्व मुख्यमंत्री को बचाना पड़ा, जिनके पास जेड-प्लस श्रेणी की सुरक्षा है।
निकटवर्ती चित्तूर जिले के पुंगनूर में भी पुलिस द्वारा टीडीपी कार्यकर्ताओं को बिना अनुमति के शहर में प्रवेश करने से रोकने के बाद हिंसा देखी गई। उन्होंने पुलिस पर पथराव किया और दो वाहनों में भी आग लगा दी। इसके बाद हुई हिंसा में 50 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुंगनूर में हिंसा के आरोप में अब तक 70 टीडीपी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जा चुका है।
नायडू ने हिंसा के लिए राज्य के ऊर्जा मंत्री पेद्दीरेड्डी रामचंद्र रेड्डी को जिम्मेदार ठहराया था और पुलिस पर भी हमला बोला था। हालांकि, चित्तूर के एसपी वाई. रिशांत रेड्डी ने हिंसा को पूर्व नियोजित बताया और निर्धारित मार्ग से हटकर पुंगनूर पहुंचने और पुलिस पर हमला करने के लिए टीडीपी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया था। एसपी ने कहा कि नायडू ने सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक को "रावण" कहा और टीडीपी कैडरों को वाईएसआरसीपी कार्यकर्ताओं और पुलिस पर हमला करने के लिए उकसाया।
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