असम के जोरहाट जिले में बुधवार को ब्रह्मपुत्र नदी के निमती घाट के पास यात्रियों से खचाखच भरी दो नावों की सीधी टक्कर हो गई, जिसके चलते एक बड़ी नाव के पलट जाने से महिलाओं सहित 50 से ज्यादा लोग लापता हो गए। हादसे के बाद बचावकर्मियों ने 41 लोगों को बचा लिया, जबकि एक महिला की मौत हो गई है और एक की हालत गंभीर बताई जा रही है।
पुलिस ने कहा कि एक नाव निमती घाट से माजुली 'द्वीप' में कमलाबाड़ी फेरी पॉइंट की ओर जा रही थी, जबकि दूसरी निमती घाट जाने वाली थी। जोरहाट जिले के एसपी अंकुर जैन ने कहा कि पुलिस और आपदा प्रबंधन कर्मियों ने नदी के किनारे से लगभग 350 मीटर की दूरी पर पलटी हुई नाव का पता लगा लिया है। पलटी हुई नाव से बचाए गए लोगों में एक महिला की हालत गंभीर थी, जिसे जोरहाट के मेडिकल कॉलेज ले जाया गया।
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एसपी अंकुर जैन ने कहा कि दूसरी नाव किसी तरह तैरती रही और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और राज्य आपदा मोचन बल के जवानों ने उसमें सवार सभी लोगों को बचा लिया। उन्होंने कहा कि हमने नीचे के विभिन्न स्थानों से सूअर पर सवार लगभग 20 लोगों को बचाया है। हालांकि, देर शाम तक करीब 50 लोग लापता हैं। लापता लोगों की तलाश जारी है। अधिकारियों ने बताया कि नौका में सवार करीब 30 दुपहिया वाहन पानी के अंदर दब गये।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने नाव दुर्घटना पर गहरा दुख और चिंता व्यक्त करते हुए माजुली और जोरहाट जिलों के प्रशासन को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की मदद से तेजी से बचाव अभियान चलाने का निर्देश दिया है। स्थिति का जायजा लेने के लिए गुरुवार को निमती घाट का दौरा करने वाले सरमा ने बिजली मंत्री बिमल बोरा को स्थिति का जायजा लेने के लिए तुरंत घटना स्थल का दौरा करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने अपने प्रधान सचिव समीर कुमार सिन्हा को चौबीसों घंटे घटनाक्रम की निगरानी करने के लिए कहा है।
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हिमंत बिस्वा सरमा ने जोरहाट नाव हादसे के बारे में बताया कि दो नावों की टक्कर हुई, जिनमें से एक डूब गई। नाव का पता लगा लिया है, वह घटनास्थल से 1.5 किलोमीटर की दूरी पर मिली है। हमें इसके ऊपर के हिस्से को काटना होगा, तभी हम नीचे पहुंच पाएंगे। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ इसकी व्यवस्था कर रहे हैं। फिलहाल इस पर सवार लोगों की संख्या पता लगाना मुश्किल है। हालांकि अब तक 42 लोगों को बचा लिया गया है। एक महिला की मौत हुई है। अब तक 4 लोग लापता बताए जा रहे हैं। घटना की पूरी रिपोर्ट 2-3 घंटे में आ जाएगी।
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बता दें कि नदी द्वीप माजुली और जोरहाट जिले के बीच संचार का एकमात्र साधन नाव ही हैं और नदी के ऊपर परिवहन अक्सर खतरनाक और जोखिम भरा होता है, विशेष रूप से मानसून के महीनों (जून से सितंबर) के दौरान जब शक्तिशाली ब्रह्मपुत्र नदी में पानी बढ़ जाता है।
दुनिया के सबसे बड़े नदी द्वीप माजुली में वर्ष के अधिकांश समय ब्रह्मपुत्र के उत्तरी तट से सड़क मार्ग द्वारा पहुंचा जा सकता है।
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