नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा तुरंत बहाल करने की अपनी मांग दोहराते हुए शुक्रवार को कहा कि क्षेत्र के सामने मौजूद कई मुद्दों के समाधान के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
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अब्दुल्ला ने कहा कि एक दिन सिखों की न केवल सरकार में बल्कि विधानसभा में भी भूमिका होगी, ताकि वे अपने मुद्दों को प्रभावी ढंग से उठा सकें और उनका समाधान कर सकें। फारुख अब्दुल्ला के वरिष्ठ नेता के साथ उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी और कैबिनेट मंत्री जावेद राणा भी थे।
अब्दुल्ला ने कहा, "केंद्र सरकार को जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करना चाहिए, क्योंकि इससे हमारी अधिकांश समस्याओं का समाधान हो जाएगा।"
सिख समुदाय से गुरु नानक देव से प्रेरणा लेने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा, "इस पवित्र दिवस पर, मजबूती से मांग करें कि हमारी स्थिति सुधरे और हम नौकरशाही के प्रभुत्व से मुक्त हों।"
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नौकरशाही के जरिये चलाए जा रहे प्रशासन की आलोचना करते हुए अब्दुल्ला ने कहा, "अतीत में, अधिकारी लोगों की बात नहीं सुनते थे। लेकिन आज, लोग मंत्रियों की ओर उम्मीद से देखते हैं, उनसे उम्मीद करते हैं कि वे उनकी चिंताओं को दूर करेंगे और सही निर्णय लेंगे।"
अपने पिछले कार्यकाल (जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में) को याद करते हुए अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘जब मैं 1996 में मुख्यमंत्री के रूप में लौटा, तो मेरी पहली प्राथमिकता आपका प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना था, क्योंकि आप अपनी आवाज सुने जाने के हकदार थे।’’
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