पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर किसान की मौत के विरोध में आज किसान 'ब्लैक डे' मना रहे हैं। किसान आज के दिन को आक्रोश दिवस के रूप में मना रहे हैं। 21 साल के किसान शुभकरण सिंह की बुधवार को हरियाणा पुलिस और पंजाब के किसानों के बीच झड़प के दौरान मौत हो गई थी। पुलिस ने किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च को पंजाब के संगरूर जिले के खनौरी प्वाइंट पर रोक दिया गया था। किसानों की मांग है कि किसान को मारने वालों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाए और किसान के परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए।
किसान शुभकरण सिंह की मौत पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हमने पंजाब सरकार से बातचीत की थी। हमारी मांग है कि हमला करने वालों के खिलाफ धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया जाए। पंजाब सरकार शुभकरण सिंह को 'शहीद' का दर्जा दे। 14 घंटे से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन पंजाब सरकार कोई जवाब नहीं दे रही है।
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किसान नेता पंढेर ने कहा कि किसान शुभकरण सिंह का शव अस्पताल में पड़ा हुआ है। पंजाब सरकार हमारे शहीदों की शहादत का अपमान कर रही है, यह निंदनीय है। वे कह रहे हैं कि घटना स्थल की जांच करनी होगी। चाहे वह पंजाब में हो या हरियाणा में। पंढेर ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि हम अभी शुभकरण सिंह का अंतिम संस्कार कर पाएंगे। पंजाब सरकार के साथ बातचीत अभी पूरी नहीं हुई है।
पंजाब के किसान केंद्र सरकार से अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं। कई दिनों से हजारों किसान शंभू बॉर्डर डटे हुए हैं। किसान दिल्ली मार्च की कोशिश तो कर रहे हैं, लेकिन वहां मौजूद सुरक्षा बल उन्हें आगे बढ़ने नहीं दे रहे हैं।
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