किसान संगठनों का दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन जारी है। सिंघु बॉर्डर पर बुधवार शाम को प्रदर्शनकारी किसानों ने कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं।
Published: 13 Jan 2021, 12:28 PM IST
पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के मुताबिक, किसान आंदोलन से तीसरी तिमाही में 70 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है। उद्योग मंडल के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि अब तक 36 दिन के किसान आंदोलन से 2020-21 की तीसरी तिमाही में 70,000 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान अनुमानित है। इसकी वजह से खासकर पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में आपूर्ति व्यवस्था में बाधा उत्पन्न होना है।
Published: 13 Jan 2021, 12:28 PM IST
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, “संसद में जो सांसद हमारे विरोध में है उनका पोस्टर देश भर में और उनके संसदीय क्षेत्र में चिपकाया जाएगा। गणतंत्र दिवस के मौके पर देश में टैंक और ट्रेक्टर एक साथ चलेंगे। 2024 तक आंदोलन चलाना पड़े तो भी चलेगा। असली सरकार कोई और है जो पीएम से झूठ बोलवाते हैं। असली सरकार से मिलने के लिए किसान दिल्ली के बॉर्डर पर हैं। पीएमओ से गलत दस्तावेज जारी हो रहे हैं। स्वामीनाथन आयोग के सुझावों को लागू करने के मुद्दे पर सरकार झूठ बोल रही है।”
राकेश टिकैत ने कहा कि महाराष्ट्र के लोग क्रांतिकारी है। महाराष्ट्र में पोल खोल यात्रा निकालने की जिम्मेदारी का काम दिया गया है। उन्होंने कहा कि देश भर में अलग-अलग राज्यों में 23 जनवरी को राज्यपाल से मुलाकात कर ज्ञापन दिया जाएगा। राज्य का एजेंडा सामने रखा जाएगा।
Published: 13 Jan 2021, 12:28 PM IST
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के फैसले को हम स्वीकार करते हैं और आशा रखते हैं कि दूसरे पक्ष भी इसे स्वीकार करेंगे। जो रास्ता कोर्ट ने दिखाया है उस पर हम आगे बढ़ेंगे। कोर्ट भी समाधान चाहती है और हम भी। 4 एस(S) हैं जिनके माध्यम से देश आगे बढ़ सकता है समन्वय, संवाद,सहमति और समाधान।”
Published: 13 Jan 2021, 12:28 PM IST
अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा, “सरकार जो चाहती है वही हो रहा है। उन्हें मालूम था कि कोर्ट जाकर कमेटी बनवाएंगे। हमें बोला गया कोर्ट में चलो। शुरू से हमें मालूम था कि कमेटी बनेगी कारपोरेट समर्थक लोगों से जो कारपोरेट के खिलाफ नहीं बोलेंगे।”
Published: 13 Jan 2021, 12:28 PM IST
केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, “अफसोस की बात है कि कुछ लोग क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी का संदूक लेकर किसानों के कंधे पर बंदूक चला रहे हैं। ये लोग किसानों के हितैषी नहीं हैं। भ्रम का माहौल पैदा करने वाले ये लोग ट्रेडिशनल प्रोफेशनल भ्रमजाल के जादूगर हैं।”
Published: 13 Jan 2021, 12:28 PM IST
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने लोहड़ी पर तीन कानूनों की प्रतियां जलाईं।
Published: 13 Jan 2021, 12:28 PM IST
भारतीय किसान यूनियन आज बड़ा ऐलान किया है। संगठन ने ऐलान किया है कि गणतंत्र दिवस पर किसी नेता को वह तिरंगा झंडा फहराने नहीं देंगे। संगठन के युवा हरियाणा अध्यक्ष रवि आजाद ने कहा कि किसान भिवानी में बिजली मंत्री रणजीत चौटाला का विरोध करेंगे। बिजली मंत्री अगर भिवानी आए तो जिले को चारों तरफ से सील करेंगे। उन्होंने कहा कि आंदोलन चलने तक नेताओं को राष्ट्रीय ध्वज फहराने का हक नहीं है।
Published: 13 Jan 2021, 12:28 PM IST
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी के जो 4 सदस्य बनाए हैं वे तो पहले ही मोदी जी के कानूनों के समर्थक हैं। ऐसी कमेटी के सदस्य क्या न्याय करेंगे। प्रधानमंत्री जी...इतने अहंकारी मत बनिए किसानों की सुनिए नहीं तो देश आपकी बात सुनना बंद कर देगा।”
Published: 13 Jan 2021, 12:28 PM IST
कृषि बिल को लेकर दिल्ली में चल रहे प्रदर्शन के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के बिजनौर में गन्ना समिति में किसानों की बैठक का आयोजन किया। इस बैठक के दौरान किसानों ने गणतंत्र दिवास के मौके पर दिल्ली में होने वाली परेड को लेकर आह्वान किया कि किसान भारी संख्या में अपने ट्रैक्टरों से परेड ग्राउंड पहुंचे। साथ ही किसान इस बिल के विरोध में जिलों में भी अलग-अलग तरीकों से प्रदर्शन करें।
Published: 13 Jan 2021, 12:28 PM IST
यूपी के उन्नाव बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने किसान आंदोलन पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि असली किसान तो खेतों में काम कर रहे हैं। नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन करने वालों में कुछ भटके हुए किसान हैं, उनमें से अधिकतर किसान नहीं, बल्कि बड़े व्यापारी हैं।
Published: 13 Jan 2021, 12:28 PM IST
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने फैसले का हम स्वागत करते हैं। जो कमेटी बनाई गई है निश्चित रूप से आने वाले समय में सबसे निष्पक्ष राय लेगी। कमेटी किसान यूनियन के लोगों से और अन्य विशेषज्ञों से भी राय लेगी और उसके बाद निर्णय देगी।”
कैलाश चौधरी ने आगे कहा, “पुराने बिल इतने अच्छे होते तो किसान गरीब और आत्महत्या के लिए मजबूर नहीं होता। इस कानून को कुछ समय देखें अगर कुछ नहीं लगेगा तो भविष्य में और भी संशोधन किया जा सकता है।”
Published: 13 Jan 2021, 12:28 PM IST
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। दिल्ली की सीमाओं पर किसान डटे हुए हैं। गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान ट्रैक्टर मार्च निकालने की तैयारी में हैं। वहीं, सरकार इस पर रोक लगाने की तैयारी कर रही है। इस बीच राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “60 से ज्यादा अन्नदाता की शहादत से मोदी सरकार शर्मिंदा नहीं हुई, लेकिन ट्रैक्टर रैली से इन्हें शर्मिंदगी हो रही है!”
Published: 13 Jan 2021, 12:28 PM IST
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Published: 13 Jan 2021, 12:28 PM IST