कृषि अध्यादेश-2020 के खिलाफ पंजाब में चल रहा किसान आंदोलन 23 जुलाई को चौथे दिन में प्रवेश कर गया। गुरुवार को सूबे के 13 जिलों के 105 गांवों में हजारों किसानों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। दो दिन पहले ही समूचे राज्य में अभूतपूर्व विशाल ट्रैक्टर मार्च निकाला गया था। किसानों ने केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सांसद सुखबीर सिंह बादल के निवास पर भी जोरदार रोष-प्रदर्शन किया था।
दो दिन पहले ही केंद्र सरकार ने अपने नए कृषि अध्यादेशों को लागू करने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है। इससे पंजाब के किसान और ज्यादा उबल पड़े हैं। वीरवार को राज्य में कई जगह अर्थी फूंक प्रदर्शन किए गए। किसानों का साथ खेत मजदूर, अनाज मंडी श्रमिक और आढ़तिए भी बढ़-चढ़कर दे रहे हैं।
Published: 24 Jul 2020, 6:59 AM IST
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, कांग्रेस, आम आjavascript:void(0)दमी पार्टी और वामपंथी संगठन भी कृषि अध्यादेशों का कड़ा विरोध कर रहे हैं। खुद को किसान हितों का अभिभावक और प्रवक्ता कहता रहा शिरोमणि अकाली दल, केंद्र के नोटिफिकेशन लागू होने के बाद मुंह छिपाता फिर रहा है। बीजेपी स्वाभाविक रूप से खेती अध्यादेश-2020 के पक्ष में है, लेकिन उसी के परिवार का हिस्सा भारतीय किसान संघ अध्यादेशों में बदलाव की मांग कर रहा है।
जानकारी के अनुसार विभिन्न किसान संगठनों की अगुवाई में 13 जिलों संगरूर, पटियाला, मानसा, बरनाला, बठिंडा, मोगा, फरीदकोट, फाजिल्का, फिरोजपुर, अमृतसर, गुरदासपुर, लुधियाना और मुक्तसर के 105 गांवों में हजारों किसानों और खेत मजदूरों ने कृषि अध्यादेश के खिलाफ प्रदर्शन किए। इस दौरान मोदी सरकार की अर्थी फूंकी गई। किसान संगठनोंं ने एक स्वर में कृषि अध्यादेश-2020 के केंद्र के नोटिफिकेशन को रद्द किया।
Published: 24 Jul 2020, 6:59 AM IST
भारतीय किसान यूनियन (एकता-उगराहा) के जसविंदर सिंह लोगोंवाल कहते हैं, "केंद्र ने खेती ऑर्डिनेंस नोटिफिकेशन कोरोना काल की आड़ में जारी किया है। ऑर्डिनेंस लागू होने पर पंजाब और हरियाणा में राज्य सरकारों की ओर से गेहूं, धान, कपास और गन्ने की हो रही खरीद ठप हो जाएगी और न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा बेअसर साबित होगी।"
इसे लेकर किसान संगठनोंं ने आह्वान किया है कि किसान और खेत मजदूर 26 जुलाई तक मोदी सरकार के कृषि अध्यादेश-2020 के खिलाफ लगातार अर्थी फूंक प्रदर्शन करें और 27 जुलाई को जिला स्तर पर अकाली-बीजेपी गठबंधन से संबंधित मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और जिला प्रधानों के घरों तक विरोध स्वरूप ट्रैक्टर प्रदर्शनों में शिरकत करें।
Published: 24 Jul 2020, 6:59 AM IST
गौरतलब है कि आरएसएस की अगुवाई में चलने वाला भारतीय किसान संघ भी मोदी सरकार के नए कृषि अध्यादेशों से सहमत नहींं है। भारतीय किसान संघ के संगठन सचिव गुरदेव सिंह का कहना है कि इन अध्यादेशों में सुधार किया जाना चाहिए। वह कहते हैं कि किसानों को फसलोंं पर न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। मंडियों में बड़ी कंपनियों की ओर से मुनाफाखोरी के लिए फसलोंं का भंडार करके जहां आम उपभोक्ता का शोषण होगा, वहीं किसानोंं को बेहिसाब मुश्किलोंं का सामना करना पड़ेगा।
Published: 24 Jul 2020, 6:59 AM IST
बीजेपी के पूर्व पंजाब प्रवक्ता और अब 'जागदा पंजाब' के संयोजक राकेश शांतिदूत के मुताबिक, "आरएसएस से संबंधित भारतीय किसान संघ के बयान से स्पष्ट हो गया है कि केंद्र सरकार ने बीजेपी से वाबस्ता किसानों की भी राय इस संबंंध में नहीं ली।" शांतिदूत इस पर भी सवाल उठाते हैं कि प्रदेश बीजेपी नेतृत्व को पंजाब के किसानों का रोष नजर क्यों नहीं आ रहा है?
इस बीच नए संगठन 'लोक भलाई मिशन' का गठन करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया ने भी घोषणा की है कि वह और उनका संगठन केंद्र के किसान विरोधी अध्यादेशों का हर स्तर पर विरोध करेगा। रामूवालिया कहते हैं, "खेती ऑर्डिनेंस किसानों के लिए बेहद घातक हैं। इनसे किसानी तबाह हो जाएगी।"
Published: 24 Jul 2020, 6:59 AM IST
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Published: 24 Jul 2020, 6:59 AM IST