हालात

26 जनवरी को दिल्ली में होगी किसान ट्रैक्टर परेड, मांगें नहीं माने जाने पर किसान संगठनों का ऐलान

संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि अगर 25 जनवरी तक मांगें नहीं मानी गईं तो किसान 26 जनवरी को दिल्ली में घुसकर परेड करने पर मजबूर होंगे। उन्होंने देश भर के किसानों से अपने ट्रैक्टर तैयार रखने का आह्वान करते हुए 25 जनवरी तक दिल्ली पहुंचने की अपील की।

फोटोः विपिन
फोटोः विपिन 

मोदी सरकार के विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसानों का आंदोलन आज 38वें दिन में प्रवेश कर गया। सरकार के साथ कई दौर की बातचीत के बाद भी अब तक कोई हल नहीं निकल सका है। अब 4 जनवरी को एक बार फिर सरकार और किसानों के बीच अगले दौर की बातचीत होनी है। लेकिन इस वार्ता से पहले किसानों ने साफ कर दिया है कि इस वार्ता में उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो 26 जनवरी को राजधानी दिल्ली में घुसकर ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा।

Published: undefined

सिंघु बॉर्डर पर शनिवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि 4 जनवरी को सरकार से बातचीत होनी है। फिर 5 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में कृषि कानूनों पर सुनवाई होनी है। अगर बात नहीं बनी तो किसानों का आंदोलन तेज होगा। 6 जनवरी से पूरे देश में विरोध-प्रदर्शनों का दौर शुरू होगा और उसके बाद 26 जनवरी के दिन किसान दिल्ली में अपने ट्रैक्टरों के साथ परेड करेंगे।

Published: undefined

स्वराज आंदोलन के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि अगर 25 जनवरी तक हमारी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो किसान दिल्ली में घुसकर गणतंत्र परेड करने पर मजबूर होंगे। उन्होंने देश भर के किसानों से अपने ट्रैक्टर तैयार रखने का आह्वान करते हुए 25 जनवरी तक दिल्ली पहुंचने की अपील की। उन्होंने कहा कि 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर आजाद हिंद किसान दिवस मनाएंगे और सभी राज्यों में राजभवन के बाहर धरने पर बैठेंगे।

Published: undefined

क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता दर्शन पाल ने कहा कि अगर अगली बातचीत में कोई हल नहीं निकलता तो 6 जनवरी को किसान पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर ट्रैक्टर मार्च करेंगे। रिपब्लिक डे परेड की तरह केएमपी पर ट्रैक्टर मार्च करेंगे। फिर 6 जनवरी से 20 जनवरी तक 15 दिन बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ जनजागरण और भंडाफोड़ अभियान आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान कई बड़ी रैलियां और विरोध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। दर्शनपाल ने कहा कि जब तक कानून वापस नहीं होते, तब तक हम धरने पर बैठे रहेंगे।

Published: undefined

वहीं किसान नेता बलवीर सिंह रजवाल ने कहा कि ये सरकार हठधर्मी पर उतर आई है। उन्होंने कहा कि इस सरकार को ईगो प्रॉब्लम है, इसी कारण किसानों की बात नहीं सुनी जा रही है। किसान नेता रजवाल ने कहा कि ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश के किसान किसी न किसी नाके पर बैठे हैं। हर राज्य में किसान इसका विरोध कर रहे हैं। लेकिन सरकार अपनी जिद पर अड़ी है। लेकिन हम भी खेती का कॉर्पोरेटाइजेशन नहीं करने देंगे।

Published: undefined

किसान नेता गुरुनाम सिंह चढूनी ने सरकार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर झूठ बोलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार एक कमेटी बना कर मसले को टालना चाहती है, लेकिन हम कमेटी नहीं चाहते। हमारी मांग है कि कानून लाइए कि एमएसपी से कम कीमत पर कोई खरीद न कर पाए। लेकिन सरकार कहती है कि इससे खजाने पर बोझ पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पूंजीपतियों के तीन लाख करोड़ एनपीए हो गए, लेकिन किसानों की बात आती है तो सरकार बहाना बनाती है।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined

  • छत्तीसगढ़: मेहनत हमने की और पीठ ये थपथपा रहे हैं, पूर्व सीएम भूपेश बघेल का सरकार पर निशाना

  • ,
  • महाकुम्भ में टेंट में हीटर, ब्लोवर और इमर्सन रॉड के उपयोग पर लगा पूर्ण प्रतिबंध, सुरक्षित बनाने के लिए फैसला

  • ,
  • बड़ी खबर LIVE: राहुल गांधी ने मोदी-अडानी संबंध पर फिर हमला किया, कहा- यह भ्रष्टाचार का बेहद खतरनाक खेल

  • ,
  • विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले कांग्रेस ने महाराष्ट्र और झारखंड में नियुक्त किए पर्यवेक्षक, किसको मिली जिम्मेदारी?

  • ,
  • दुनियाः लेबनान में इजरायली हवाई हमलों में 47 की मौत, 22 घायल और ट्रंप ने पाम बॉन्डी को अटॉर्नी जनरल नामित किया