केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर घोषणा के अनुसार आज किसानों ने दिल्ली-हरियाणा के बीच केएमपी एक्सप्रेसवे की नाकेबंदी करते हुए 5 घंटे के लिए उसे पूरी तरह ब्लॉक कर दिया। इस चक्का जाम का एक्सप्रेसवे से सटे कई हाईवे पर भी व्यापक असर दिखा। नाकेबंदी के दौरान भारी संख्या में गाड़ियां एक्सप्रेसवे समेत तमाम हाईवे पर फंसी रहीं।
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वहीं घोषणा के अनुसार 4 बजते ही किसानों ने एक्सप्रेसवे को खाली कर दिया। संयुक्त किसान मोर्चा के केएमपी एक्सप्रेसवे बंद करने के आह्वान के बाद 4 बजते ही किसानों ने हाइवे को खोल दिया। डासना टोल स्थित इस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर बैठे किसान भी सड़कों से उठ गए हैं और जो गाड़ियां खड़ी हुई थीं, उन्हें उनके गन्तव्य की ओर रवाना किया जा रहा है।
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इधर गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे किसानों ने गाजियाबाद ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को सुबह 11 बजे बंद कर दिया था। हालांकि बंद के दौरान इमरजेंसी वाहनों को जाने की अनुमति दी गई। लेकिन अन्य राहगीरों के लिए किसानों द्वारा बंद रास्तों से जाने की अनुमति नहीं दी गई। गाजियाबाद प्रशासन ने समय होते ही किसानों से बात की और कुछ देर की बातचीत के बाद मार्गों पर लगाई गई गाड़ियों को हटा लिया गया। इस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर अब पहले की तरफ सामान्य रूप से गाड़ियों की आवाजाही शुरू हो गई है।
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वहीं, डासना टोल स्थित इस्टर्न पेरिफेरल से सुबह 11 बजे से 4 बजे तक 4 एम्बुलेंस गुजरीं, जिन्हें किसानों ने खुद रास्ता दे कर निकलने दिया। वहीं दोपहिया वाहनों, जिनपर छोटे बच्चे या महिला बैठी हुई थीं, उन्हें भी जाने के लिए रास्ता दिया गया। हालांकि इस दौरान जिन लोगों को किसानों ने रास्ता नहीं दिया उनके और किसानों के बीच झड़प भी हुई। इस्टर्न पेरिफेरल से गुजर रहे एक संत भी किसानों से इसी मसले पर उलझ गए। लेकिन फिर भी उन्हें जाने नहीं दिया गया।
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आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर किसानों ने केएमपी बंद करने का आह्वान किया था, जो किसानों के अनुसार पूरा हो गया है। सड़कों पर बैठे किसानों ने कहा 11 बजे से 4 बजे तक बंद करना था। हमारा मकसद पूरा हो चुका है और हम उठ रहे हैं। आज की नाकाबंदी का व्यापक असर रहा। हालांकि आज का पूरा प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा।
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आज की 5 घंटे की नाकाबंदी के दौरान किसानों ने हाइवे पर लंगर सेवा भी की, जिसमें उन्होंने सड़क पर बैठे किसानों के अलावा बंदी में फंसे राहगीरों को भी खाना परोसा। वहीं रास्ता खुलने से ठीक पहले लंगर सेवा बंद कर दी। दूसरी ओर किसानों ने बीच सड़कों पर रागिनी गाकर सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज भी कराया। फिलहाल सभी किसान हाइवे से उठ कर अपने-अपने गंतव्य की ओर रवाना हो गए हैं।
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