हालात

किसान बातचीत के लिए तैयार, पर संशोधनों को किया नामंजूर, कहा- लिखित में दें प्रस्ताव, आंदोलन को ना करें बदनाम

सिंघू बॉर्डर पर बैठक के बाद किसान नेताओं ने सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि वे बातचीत के लिए तैयार हैं, पर सरकार पहले लिखित में ठोस प्रस्ताव भेजे। साथ ही किसान नेताओं ने सरकार पर आंदोलन तोड़ने की कोशिश का आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों को बदनाम करना बंद करें।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

मोदी सरकार के विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों ने सरकार के साथ फिर से वार्ता करने पर आज बड़ा ऐलान किया। सिंघू ब़ॉर्डर पर किसान नेताओं ने बैठक के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि किसान संगठन बातचीत के लिए तैयार हैं, पर सरकार पहले लिखित में ठोस प्रस्ताव भेजे, जिस पर एक एजेंडा बनाया जा सके और बातचीत की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू की जा सके।

Published: 23 Dec 2020, 7:24 PM IST

सिंघू बॉर्डर पर बैठक के बाद के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस करते हुए स्वराज आंदोलन के नेता योगेंद्र यादव ने कहा, यूनाइटेड फार्मर्स फ्रंट ने आज सरकार को एक पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि सरकार को संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा पहले लिखे गए पत्र पर सवाल नहीं उठाना चाहिए क्योंकि यह सर्वसम्मत निर्णय था। सरकार का नया पत्र किसान संघ को बदनाम करने की एक नई कोशिश है। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि उन निरर्थक संशोधनों को न दोहराएं जिन्हें हम अस्वीकार कर चुके हैं। एक ठोस प्रस्ताव लेकर आएं ताकि इसे एक एजेंडा बनाया जा सके और बातचीत की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू की जा सके।

Published: 23 Dec 2020, 7:24 PM IST

किसान संगठनों पत्र को पढ़ते हुए योगेंद्र यादव ने कहा, “सरकार लगातार तथाकथित किसान नेताओं और संगठनों के साथ बातचीत कर रही है, जो हमारे आंदोलन से बिल्कुल भी नहीं जुड़े हुए हैं। यह हमारे आंदोलन को तोड़ने का एक प्रयास है। सरकार किसानों का उसी तरह विरोध कर रही है, जिस तरह से वह विपक्ष से निपट रही है।” उन्होंने आगे कहा, “हम केंद्र सरकार को आश्वस्त करना चाहते हैं कि प्रदर्शनकारी किसान और संगठन सरकार के साथ चर्चा के लिए तैयार हैं। हम सरकार द्वारा खुले दिमाग और साफ इरादे के साथ चर्चा को आगे बढ़ाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।”

Published: 23 Dec 2020, 7:24 PM IST

प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार कक्का ने कहा कि “हम सरकार से फलदायी बातचीत के लिए अनुकूल माहौल बनाने का आग्रह करते हैं। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों के कार्यान्वयन को निलंबित करने के लिए कहा है। सरकार ऐसा करती है तो इससे बातचीत को बेहतर माहौल मिलेगा।”

Published: 23 Dec 2020, 7:24 PM IST

इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के युद्धवीर सिंह ने कहा कि जिस तरह से केंद्र इस वार्ता की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है, यह स्पष्ट है कि सरकार इस मुद्दे पर देरी करना चाहती है और किसानों के विरोध का मनोबल तोड़ना चाहती है। सरकार हमारे मुद्दों को हल्के में ले रही है, मैं उन्हें इस मामले का संज्ञान लेने और जल्द समाधान खोजने की चेतावनी दे रहा हूं।

Published: 23 Dec 2020, 7:24 PM IST

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: 23 Dec 2020, 7:24 PM IST