कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन को तेज करते हुए किसान लगातार महापंचायत कर रहे हैं। गाजीपुर बॉर्डर पर रविवार को भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता नरेश टिकैत द्वारा बुलाई गई महापंचायत में किसान बड़ी संख्या में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सरकार पर निशाना साधा। बॉर्डर पर हुई महापंचायत में आंदोलन को तेज करने की रणनीति तय गई, वहीं हाल ही में हुए राकेश टिकैत पर हमले पर भी चर्चा की गई।
भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने हाल ही में हुए हमले का जिक्र करते हुए कहा, "बीजेपी ओछी हरकतों से बाज आए और इस मसले को जल्द हल करे। हम कोई देश विरोधी काम नहीं कर रहे हैं। किसान हमारा परिवार है और हम आज बॉर्डर पर इनकी हौसला अफजाई करने आए हैं।"
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उन्होंने कहा, "यदि किसान नेता या किसान पर आंच आई तो देश की सड़कों पर किसान होगा। अलवर में हुई घटना की हम निंदा करते हैं, ये गलत है।" इस महापंचायत में उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के किसानों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। इस पंचायत को लेकर किसान संगठनों के पदाधिकारियों को संदेश भेजा गया था। यही वजह है कि बॉर्डर पर दूर दूर तक सिर्फ किसान ही किसान नजर आए।
नरेश टिकैत ने एक बार फिर मांग दोहराते हुए कहा कि सरकार इन कानूनों को वापस ले और किसान को पराया न समझे। किसान बॉर्डर पर 4 महीने से अधिक समय से सड़कों पर बैठे हैं, सरकार को इनकी सुध लेनी चाहिए।
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महीनों पहले सरकार और किसान संगठनों के बीच 11 दौर की वार्ता हुईं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका। बातचीत फिर से शुरू हो, इसके लिए किसान और सरकार दोनों तैयार हैं, लेकिन अभी तारीख तय नहीं हुई है। तीन नए खेती कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
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