कृषि कानूनों पर सरकार और किसानों के बीच आज वार्ता होनी है। वार्ता से पहले एक बार फिर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कृषि कानूनों की वकालत की है। उन्होंने कहा, “कृषि संबंधी यह जो तीन कानून बने हैं यह किसानों के हितों को ध्यान में रखकर ही बनाएंगे हैं। पिछली सरकारों की तुलना में हमने न्यूनतम समर्थन मूल्य काफी बढ़ाई हैं। इन तीनों कानूनों के माध्यम से हमने पूरी कोशिश की है कि किसानों की आमदनी दो-तीन गुना बढ़े।”
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राजनाथ सिंह ने कहा कि बातचीत हो रही है, मुझे विश्वास है इसका समाधान निकलेगा। उन्होंने कहा कि मैं किसानों से विनती करता हूं मैंने इन कानूनों को देखा है, मैं भी कृषि मंत्री रह चुका हूं इसलिए मैं कहता हूं कि यह कानून किसानों के हित में है।
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रक्षा मंत्री ने कहा, “किसान कम से कम 2 साल इस कानून को उपयोग करके देखे कि ये कानून कितना उपयोगी है फिर अगर आपको लगता है कि कानून में संशोधन करने की जरूरत है तो हमारी सरकार संशोधन करने के लिए तैयार है और आज भी किसान बातचीत करे, उन्हें लगता है कि इसमें संशोधन की आवश्यकता है तो हम तैयार हैं।”
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वहीं, वार्ता से पहले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पर कहा कि सरकार कानून वापस नहीं लेगी तो प्रदर्शन खत्म नहीं होगा। सरकार को कानून वापस लेना ही पड़ेगा। संशोधन पर बात नहीं बनेगी। साफ है अगर आज भी सरकार संशोधन की बात करती है तो आज की बैठक भी बेनतीजा रहने वाली है।
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उधर, पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के संयुक्त सचिव सुखविंदर सिंह साबरा ने कहा, “सरकार के साथ छठे दौर की वार्ता से पहले किसानों और सरकार के बीच पांच दौर की बातचीत हो चुकी है। हमें नहीं लगता कि हम आज भी किसी समाधान तक पहुंचेंगे। तीन कृषि कानूनों को निरस्त किया जाना चाहिए।”
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