कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों का आंदोलन आज 15वें दिन भी जारी है। बुधवार को सरकार के प्रस्तावों को किसानों ने ठुकरा दिया था और ऐलान किया था कि आने वाले दिनों में दिल्ली से सटी अन्य सीमाओं को भी सील कर दिया जाएगा। इसका असर अब दिखने लगा है।
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आपको बता दें, किसानों ने दिल्ली से कौशांबी की ओर जाने वाली सड़क को बंद कर दिया है। किसानों का दावा है कि जो ट्रक फल वितरित कर रहा था, उसे जब्त कर लिया गया है। किसानों ने पुलिस पर सप्लाई रोकने का आरोप लगाया है। इससे पहले किसानों ने साफ कर दिया है कि सरकार को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना होगा। उधर, किसान दिल्ली की अन्य सीमाओं पर भी डटे हुए हैं। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, “जो प्रस्ताव आया है उसमें बिल वापसी की बात नहीं है। सरकार संशोधन चाहती है। संशोधन के लिए किसान तैयार नहीं हैं। हम चाहते है पूरा बिल वापस हो। बिल वापसी के अलावा कोई रास्ता निकलता नज़र नहीं आ रहा है। सरकार तीन कृषि बिल लाई है उसी तरह से एमएसपी को लेकर भी बिल लाए।”
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सरकार के प्रस्ताव को खारिज करने के बाद किसानों ने कई बड़े फैसले लिए हैं। किसानों का पहला फैसला यह है कि जब तक तीनों कानून रद्द नहीं होते, आंदोलन नहीं रुकेगा। दूसरा फैसला यह है कि 14 दिसंबर को बड़ा आंदोलन होगा, पूरे देश में धरना देंगे। तीसरा फैसला यह है कि 12 दिसंबर तक जयपुर-दिल्ली हाईवे पूरी तरह बंद करेंगे। चौथा फैसला यह है कि नए कानूनों के खिलाफ देशभर में रोज प्रदर्शन जारी रहेंगे। पांचवां फैसला है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को दिल्ली कूच करने को कहा गया है और छठा फैसला यह है कि बीजेपी के विधायक, सांसद और मंत्रियों का घेराव करेंगे, बहिष्कार करेंगे।
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