कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर मोर्चा खोलने वाले किसानों को कई तकलीफों से गुजरना पड़ रहा है। कानून को रद्द कराने के लिए किसानों को जान देकर कीमत भी चुकानी पड़ रही है। एक और किसान की मौत हो गई है। दिल्ली बार्डर पर चल रहे विरोध प्रदर्शन से लौट रहे एक किसान सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि पंजाब के अमृतसर के अजनाला के गांव बग्गा के रहने वाला किसान बलबीर सिंह अपने घर लौट रहे थे। उनके बेटे की 15 जनवरी को शादी थी। शादी की तैयारियों के लिए वह घर वापस घर लौट रहे थे। जालंधर-अमृतसर हाईवे पर अज्ञात वाहन की चपेट में आने से उनकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि किसान बलबीर सिंह पिछले हफ्ते किसान आंदोलन में शामिल होने दिल्ली गए थे।
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हादसे के बाद दूसरे किसान बलबीर सिंह के शव को लेकर अमृतसर में राज्यसभा सांसद श्वेत मलिक के घर के बाहर पहुंचे और धरना देना शुरू कर दिया। एसडीएम अजनाला दीपक भाटिया ने पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा कर धरने को खत्म कराया। इसके साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी और कर्ज माफ करवाने का आश्वासन भी दिया।
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एसडीएम दीपक भाटिया के मुताबिक, सरकार की ओर से परिवार को पांच लाख रुपये मुआवजे की मंजूरी मिल गई है। इसके अलावा परिवार के एक सदस्य को फिल्हाल प्राइवेट नौकरी देकर सरकारी नौकरी के लिए केस बना कर भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि कर्ज माफी से संबंधी दस्तावेज मांगे गए हैं ताकि सरकार के आगे मामला रखा जा सके।
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बलबीर सिंह के बेटे शमशेर सिंह और आजाद किसान संघर्ष कमेटी के वरिष्ठ नेता हरजीत सिंह झीता के मुताबिक, बलबीर सिंह श्वेत मलिक के घर के बाहर दिए जा रहे धरने में करीब एक महीने तक शामिल रहे। उन्होंने बताया कि पिछले हफ्ते ही वह किसान आंदोलन में शामिल दिल्ली पहुंचे थे।
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