केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का आम बजट पेश किया और सरकार ने कृषि क्षेत्र से जुड़े कई अहम ऐलान किए हैं। बजट में सरकार ने कृषि सेक्टर में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने का ऐलान किया है। वहीं धान और गेहूं की खरीद के लक्ष्य को बढ़ाने का फैसला किया है, हालांकि विपक्षी नेताओं ने सरकार के बजट को एक बार फिर जुमलेबाजी बताते हुए नारजगी व्यक्त की है।
छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बजट को दिशाहीन बताते हुए कहा कि, हम सब सोच रहे थे कि इस बजट में किसानों को कुछ मिलेगा, मजदूरों को कुछ मिलेगा लेकिन कुछ नहीं है। किसानों की आय दो गुनी करने को लेकर कोई बात नहीं की गई है। पुराने बजट में जितने भी विषय शामिल थे उनको पूरा करने का कोई प्रावधान नहीं है। स्मार्ट सिटी बनाने की बात कही थी, यह दिशाहीन बजट है।
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि, मोदी सरकार का किसान विरोध हुआ उजागर, सरकार ने साल 2022 तक किसान की आय दुगनी करने का वादा किया जो अब रद्दी की टोकरी में चला गया है। वहीं खाद पर सब्सिडी काटी, एमएसपी गारंटी की चर्चा भी नहीं है। देश में महंगाई दर 7 फीसदी पर खेती का बजट बढ़ा सिर्फ 2.7 फीसदी, किसान निधी का सिर्फ 0.74 फीसदी है।
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सरकार के बजट में 2021-22 में 1,000 एलएमटी धान की खरीद की जाएगी। जिससे 1 करोड़ से अधिक किसान लाभान्वित होंगे। केन-बेतवा परियोजना के लिए 44,605 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। साथ ही 9 लाख हेक्टेयर से अधिक हेक्टेयर रकबे को सिंचाई का पानी प्राप्त होगा।
इसके अलावा किसान नेता राकेश टिकैत ने भी बजट पर कहा कि, बजट का कुछ न कुछ फायदा होता है। लेकिन बजट में जितना दिखाया जाता है उससे कम किसानों को मिलता है। बजट का कुछ न कुछ फायदा होता है हमने कहा एमएसपी गारंटी कानून बना दें, इस कानून से कम कीमत में फसलों की खरीद बंद होगी। जबकि अभी व्यापारियों को इसका फायदा हो रहा है जो कम कीमत में फसलों को खरीदकर एमएसपी में महंगे कीमत में बेचती है।
बजट में सरकार ने ऐलान कर गंगा कॉरीडार के आसपास के क्षेत्रों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का फैसला किया गया है वहीं किसानों को डिजिटल और हाई-टेक सेवाएं प्रदान करने के लिए पीपीपी मॉडल में योजना की होगी। साथ ही शुरूआत प्राकृतिक जीरो बजट और ऑर्गेनिक फामिर्ंग, आधुनिक कृषि, मूल्य संवर्धन और प्रबंधन पर जोर दिया जाएगा।
इसके अलावा एनसीपी सांसद अमोल कोल्हे ने बताया कि, यह बजट एक निराशाजनक बजट है। मध्यम वर्ग, युवाओं को बहुत उम्मीद थी लेकिन इस बजट में ऐसा कुछ नजर नहीं आया है। वहीं टैक्स स्लैब में कोई राहत नहीं दी गई है। यह बजट कहीं दूर का दर्शन न हो जाए। यदि दूरदर्शी होता तो मेडिकल के बारे में कुछ होता जबकि एक महामारी से हम जूझ रहे हैं।
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