एक्जिट पोल के अनुमान सामने आने के एक दिन बाद किसान नेताओं ने इन्हें खारिज कर दिया है। उन्होने कहा है कि जिस तरह से सभी सर्वे में बीजेपी को उत्तर प्रदेश में जीतता हुआ दिखाया गया है, वह सिर्फ किसी दबाव के तहत मीडिया से कराया गया है। ऑल इंडिया किसान सभा के नेता हन्नान मोल्लाह ने कहा कि एक्जिट पोल के नतीजे अविश्स्नीय और अतार्किक हैं।
केंद्र सरकार द्वारा लाए कृषि कानूनों के विरोध आंदोलन में सक्रियता से शामिल रहे हन्नान मोल्लाह ने कहा कि टीवी न्यूज अपनी विश्वसनीयता पहले ही खो चुका है। उन्होंने कहा कि, “बीजेपी के पक्ष में एक्जिट पोल दिखाकर मीडिया ने अपनी साख को दांव पर लगा दिया है। कोई इन पर विश्वास नहीं करता।” उन्होंने कहा, “अब किसानों का आंदोलन ही ले लीजिए, पहले तो मीडिया ने किसानों के संगर्ष का बायकॉट किया, फिर इसे एंटी-नेशनल बना दिया, लेकिन उन्होंने यह दिखाना ही पड़ा जब प्रधानमंत्री ने कृषि कानूनों को वापस लिया।”
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हन्नान मोल्ला ने कहा कि देश के इतिहास में अब तक के सबसे लंबे चले आंदोलन का असर आखिर चुनावी नतीजों पर कैसे नजर नहीं आएगा। गौरतलब है कि एआईके एस समेत सभी किसान यूनियनों ने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले पंजाब और उत्तर प्रदेश में बीजेपी के खिलाफ प्रचार किया था। किसान मोर्चा ने लोगों से अपील की थी कि जिस पार्टी के कारण 700 से ज्यादा किसानों की मृत्यु हुई है उसे सजा दी जानी चाहिए।
तो क्या किसानों का बीजेपी के खिलाफ प्रचार नाकाम हो गया, इसके जवाब में मोल्लाह करते हैं कि, “हमारा सच तो इतिहास ही बताएगा। अगर बिना पक्षपात के कोई अध्य्यन किया जाए तभी हमारे आंदोलन का समाज पर असर समझ में आएगा।” उन्होंने कहा कि, “जहां तक टीवी न्यूज का सवाल है, वह तो बहुत पहले जमीनी हकीकत से दूर जा चुके हैं।”
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का लंबा आंदोलन, अनियोजित लॉकडाउन और कोविड की दूसरी लहर में अव्यवस्था के चलते हुई छीछालेदार के बावजूद अधिकतर एक्जिट पोल में यूपी में बीजेपी की ही जीत का अनुमान लगाया गया है। एक्जिट पोल में बीजेपी के कम से कम 225 और अधिकतम 326 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की गई है। यूपी विधानसभा में कुल 403 सीटें हैं। उत्तर प्रदेश की सियासत पर नजर रखने वाले एक राजनीतिक विश्लेषक ने कहा कि, “अगर एक्जिट पोल सही साबित होते हैं, तो यह कोई करिश्मा ही हो सकता है।”
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जाट समुदाय से आने वाले वरिष्ठ पत्रकार और किसान कार्यकर्ता के पी मलिक का कहना है कि, “टीवी मीडिया नमक का कर्ज चुका रही है।” उत्तर प्रदेश चुनावों को बहुत ही गहराई से कवर कर चुके मलिक कहते हैं कि, “सत्ताधारी दल की तरफ से तमाम सर्वे एजेंसियों को पैसे दिए गए हैं।” उन्होंने कहा, “कौन जानता है कि सीटों की तालिका बीजेपी के कहने पर तय की गई है...अगर सर्वे के नतीजे गलत साबित होते हैं तो क्या कभी कोई इन एजेंसियों को जिम्मेदार ठहराएगा या नहीं”
उन्होंने कहा कि, “चुनाव आयोग को एक्जटि पोल पर पाबंदी लगा देनी चाहिए। इन सर्वे का मकसद सिर्फ लोगों को गुमराह करना ही रह गया है और चुनाव आयोग को इसका संज्ञान लेना चाहिए।”
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एक्जिट पोल के नतीजों पर अचंभित होते हुए पंजाब कांग्रेस के प्रवक्ता अमृत गिल ने भी कहा कि सारे सर्वे गलत साबित होंगे। उन्होंने कहा कि चाहे पंजाब हो या उत्तर प्रदेश टीवी मीडिया के सर्वे गलत ही निकलने वाले हैं। उन्होंने कहा कि, “हर जगह लोग बीजेपी को सत्ता से बाहर करना चाहते हैं, एक्जिट पोल पंजाब में आप की जीत दिखा रहे हैं, लेकिन यह सच्चाई नहीं है।” उन्होंने कहा कि, “आप पंजाबियत की प्रतिनिधि नहीं है। जब कांग्रेस कार्यकर्ता किसानों के समर्थन में आंदोलन कर रहे थे तब आप कहां थी।”
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