किसान नेता राकेश टिकैत पर सोमवार को बेंगलुरु के गांधी भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तीन लोगों ने हमला कर दिया और उनके चेहरे काली स्याही पोत दी। वहां मौजूद लोगों ने तीनों आरोपी को पकड़ लिया, जिन्हें बाद में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। टिकैट ने हमले को साजिश करार देते हुए घटना की जांच की मांग की है।
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इस पूरी घटना पर राकेश टिकैत ने बताया कि हम प्रेस कांफ्रेंस कर रहे थे कि उसी दौरान भीड़ में से कुछ लोग चिल्लाते हुए उठे और अपनी जगह से उठ कर हमारी तरफ आए और मंच पर रखे माइक उठा कर मारपीट करने लगे। इस घटना में कर्नाटक सरकार पूरी तरह असफल रही है और इसमें किसी की साजिश है। हमारी मांग है कि इस घटना की पूरी जांच हो।
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यह हमला उस समय हुआ जब राकेश टिकैत कर्नाटक राज्य किसान संघ और हसीरू सेने द्वारा आयोजित 'रायता चालुवली, आत्मवलोकन हागू स्पस्तीकरण सभा (किसान आंदोलन, आत्मनिरीक्षण और स्पष्टीकरण बैठक)' पर एक संवाददाता सम्मेलन में भाग ले रहे थे। टिकैत किसान नेता कोडिहल्ली चंद्रशेखर के खिलाफ हाल के आरोपों को स्पष्ट कर रहे थे कि तभी तीन आदमी अचानक प्लेटफार्म पर चढ़ गए और टिकैत पर काला पेंट फेंक दिया। एक अन्य किसान नेता युद्धवीर सिंह पर भी काला रंग फेंका गया।
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प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हमले में राकेश टिकैत के सिर पर चोट आई है। प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद किसान नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बदमाशों को पकड़ लिया और उनकी जमकर धुनाई कर दी। मौके पर पहुंची स्थानीय पुलिस ने तीनों को हिरासत में लेकर गिरफ्तार कर लिया। राकेश टिकैत को बचाने में कर्नाटक पुलिस की नाकामी पर किसान नेताओं ने रोष जताया है। उन्होंने दावा किया कि पुलिस को खतरे की आशंका के बारे में बताया गया था, लेकिन फिर भी पुलिस ने आंखें मूंदें रखी।
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