शिवराज सरकार में किसानों की खुदकुशी का सिलसिला लगातार जारी है। बुरहानपुर जिले में कर्ज से परेशान एक किसान के आत्महत्या करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस का आरोप है कि किसान ने सूदखोर से कर्ज लेकर बेटे को गिरवी रखा था और जब वह उसमें नाकाम रहा, तो उसने जान दे दी।
कांग्रेस कार्यालय में प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ की मौजूदगी में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सूदखोरों के खिलाफ कानून बनाने का प्रस्ताव 7 साल पहले तैयार किया, जिस पर अब तक अमल नहीं हुआ, उसी का नतीजा है कि किसान कारकुंडा ने बुरहानपुर के भोलना गांव में कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली।
उन्होंने कहा कि सामने जो बात आई है, वह राज्य को कलंकित करने वाली है, क्योंकि उसने एक सूदखोर से कर्ज लेकर अपने बेटे को गिरवी रखा था और उसे वह छुड़ा नहीं पाया। इससे परेशान होकर उसने 3 दिन पहले आत्महत्या की।
बुरहानपुर के पुलिस अधीक्षक पंकज श्रीवास्तव ने इस बात को साफ नकार दिया कि किसान ने बेटे को गिरवी रखकर कर्ज लिया था और उसे छुड़ा न पाने पर आत्महत्या कर ली। जो कहा जा रहा है, वह एकतरफा बात है।
गांव के सरपंच ओमराज वावस्कर ने बताया है कि यह सही है कि कारकुंडा पर सोसायटी का डेढ़ लाख रुपये का कर्ज था। उसी से परेशान होकर उसने यह कदम उठाया है।
Published: 07 May 2018, 9:50 AM IST
पिछले साल प्रदेश के कई इलाकों में सूखा पड़ने के कारण भी कई जगहों पर किसानों के आत्महत्या की थी। राज्य में लगातार किसानों की खुदकुशी को लेकर कांग्रेस ने सीएम शिवराज और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि कर्ज के बोझ से दबा यहां का किसान आत्महत्या कर रहा है। लेकिन अमित शाह राज्य सरकार और मुख्यमंत्री को किसान हितैषी बता रहे हैं, यह किसानों के साथ भद्दा मजाक है।
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Published: 07 May 2018, 9:50 AM IST
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Published: 07 May 2018, 9:50 AM IST