लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर भीड़ हिंसा में शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के परिवार से मुलाकात की। सीएम योगी से शहीद इंस्पेक्टर की पत्नी रजनी, उनके बेटे श्रेय और अभिषेक ने सीएम योगी के सामने अपना दर्द बयां किया। मुलाकात के दौरान सीएम योगी ने परिवार को सख्त कार्रवाई का आश्वासन देते हुए कहा, “कोई इस गलतफहमी में होगा कि वह बच जाएगा, तो सवाल ही नहीं उठता। हमारी तीन-तीन टीमें वहां काम कर रही हैं।” इस दौरान सीएम के अलावा मंत्री अतुल गर्ग और डीजीपी ओमप्रकाश सिंह भी वहां मौजूद रहे।
यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा, “दोनों बच्चे पढ़ाई में काफी होशियार हैं इसलिए पढ़ाई का सारा खर्चा सरकार उठाएगी, हम चाहेंगे की अपने पिता की तरह दोनों बच्चे यूपी पुलिस का नाम रोशन करें। बैंक से परिवार ने जो लोन लिया है, वह सरकार चुकाएगी। परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी।”
इस मुलाकात से पहले सुबोध कुमार सिंह की पत्नी ने कहा था, “मेरे पति को अक्सर धमकियां मिलती रहती थीं। वह अखलाक केस की जांच कर रहे थे इसलिए उन पर हमला हुआ था। यह एक सोची समझी-साजिश थी।” वहीं सुबोध कुमार सिंह की बहन ने भी पुलिस पर सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा था कि उनके भाई को पुलिस ने मिलकर मरवाया। उन्होंने कहा था, “यह पुलिस की साजिश है। मेरे भाई अखलाक केस की जांच कर रहे थे इसलिए उन्हें मारा गया है। मुझे अफसोस है कि सीएम या किसी भी जनप्रतिनिधि ने हमारे परिवार से संपर्क करने की कोशिश नहीं की है।”
इससे पहले बुधवार को प्रभारी मंत्री अतुल गर्ग इंस्पेक्टर सुबोध के पैतृक गांव पहुंचे थे, उन्होंने सीएम के संदेश के साथ 40 लाख रुपए का चेक सुबोध की पत्नी को दिया था। सीएम योगी ने तीन दिसंबर को शहीद इंस्पेक्टर सुबोध की पत्नी को 40 लाख रुपए और माता-पिता को 10 लाख रुपए आर्थिक सहायता देने का एलान किया था।
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बता दें कि सोमवार को बुलंदशहर के चिंगरावटी पुलिस चौकी पर भीड़ की हिंसा के बाद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने बुलंदशहर के स्याना में सोमवार को हुई हिंसा और हत्या के मामलों में अब तक कुल 27 नामजद और 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले में पुलिस ने बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज को एफआईआर में मुख्य आरोपी बनाया है। हालांकि पुलिस तीन दिन बीत जाने के बाद भी उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
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