हालात

एक्सक्लूसिवः मुजफ्फरनगर में ‘मिड डे’ मील में चूहा निकलना ‘चूक’ है, मगर हालात इससे भी बुरे हैं

उत्तर प्रदेश सरकार ने मिड डे मील के लिए निजी संस्थाओं से सुविधा के अनुसार अनुबंध किया है और इन संस्थाओं ने ‘सैटिंग’ के जरिये ठेका हासिल किया है। निश्चित तौर पर इसमें गुणवत्ता से समझौता हो रहा है। अब जब जमकर भ्रष्टाचार होगा तो इस तरह की खामियां तो आएंगी ही।

फोटोः आस मोहम्मद कैफ
फोटोः आस मोहम्मद कैफ 

उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर के एक गांव मुस्तुफाबाद पचेन्डा में जनता इंटर कॉलेज के प्राइमरी विंग में छोटे बच्चों को परोसे गए मिड डे मील में निकले चूहे के मामले ने तूल पकड़ लिया है।समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव यादव ने इस घटना के बाद सरकार की मिड डे मील वितरित करने की व्यवस्था पर कई तरह के सवाल खड़े किए हैं।

उत्तर प्रदेश में मिड डे मील व्यवस्था लगातार सवालों के घेरे में है। बच्चों को नमक-रोटी वितरित करने, हल्दी का पानी दाल बताकर देने और इससे पहले दूध में कई गुना अधिक पानी मिलाने का मामला प्रकाश में आने के बाद अब मुजफ्फरनगर में मिड डे मील में मरा हुआ चूहा निकलने का मामला सामने आया है। इतना ही नहीं चूहे वाला यह मिड डे मील खाने के बाद 9 बच्चों की तबीयत बिगड़ गई।

Published: 04 Dec 2019, 5:00 PM IST

जनता इंटर कॉलेज में जनकल्याण सेवा समिति के माध्यम से मिड डे मील का खाना परोसा जाता है। सोमवार को दोपहर में बच्चों को खाना परोसते समय खाने के अंदर से चूहा निकला था। बच्चों के मुताबिक तब तक कुछ बच्चे और एक शिक्षक खाना चख चुके थे और फिर उन्हें उल्टियां होने लगीं।खबर मिलने पर मिड डे मील के जिला कोर्डिनेटर विकास त्यागी जांच करने पहुंचे और खाने को सील कर दिया गया। बीएसए रामसागर त्रिपाठी ने मामले की जांच कराने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। स्कूल के प्रधानाचार्य विनोद कुमार के अनुसार 9 बच्चों और एक शिक्षक को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में प्राथमिक विद्यालय लगातार गुणवत्ता को लेकर आलोचना के केंद्र में हैं। हाल ही में सरकार की शिक्षकों के संपर्क में रहने के लिए लाई गई डिजिटल एप ‘प्रेरणा’ को लेकर भी काफी विवाद हुआ था और इसके विरोध में आवाजें उठी थीं। इसके अलावा कड़ाके की ठंड पड़ने के बाद भी अब तक सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को स्वेटर नहीं मिले हैं।

Published: 04 Dec 2019, 5:00 PM IST

बात करें फिलहाल मौजूं मिड डे मील की तो इस व्यवस्था के साथ कोढ़ में खाज यह है अब मिड डे मील वितरण के समय ज्यादातर विद्यालय मुख्य दरवाजे पर अंदर से ताला डाल देते हैं।मुजफ्फरनगर के जिस स्कूल में खाने में चूहा निकला, वहां 250 बच्चों को खाना परोसा जाना था।बीमार हुए एक छात्र के पिता सुनील कुमार के मुताबिक उन्हें उनके बेटे ने बताया कि “दाल के कंटेनर में चूहा पड़ा था। तब तक लगभग 15 बच्चों को खाना दिया जा चुका था। अब हमें अपने बच्चें को मिड डे मील में खाना खिलाने के बारे में गंभीरता से सोचना होगा"।

मुजफ्फरनगर के बीएसए रामसागर त्रिपाठी के अनुसार खाना नई मंडी स्थित संस्था के कार्यलय से बनकर आया था। उन्होंने कहा कि वे उनके खिलाफ कार्रवाई करने जा रहे हैं। बता दें कि इस स्कूल में आर्थिक रूप से सक्षम परिवारों के बच्चे भी पढ़ते हैं। जिनमें अधिकतर किसान हैं। जबकि ऐसे स्कूल भी हैं, जहां गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के बच्चें पढ़ते हैं। इनकी स्थिति और भी खराब है।

Published: 04 Dec 2019, 5:00 PM IST

वहीं इस मामले पर समाजवादी पार्टी के स्थानीय नेता राकेश शर्मा के मुताबिक उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार हर क्षेत्र में नाकामयाब हो चुकी है। खासकर प्राथमिक शिक्षा के मामले में यह सबसे खराब सरकार है। सरकार ने निजी संस्थाओं से अपनी सुविधा के अनुसार अनुबंध किया है और इन संस्थाओं ने 'सैटिंग' के जरिये ठेका हासिल किया है। निश्चित तौर पर इसमें गुणवत्ता से समझौता हो रहा है। अब जब जमकर भ्रष्टाचार होगा तो इस तरह की खामियां तो आएंगी ही।

इस बीच एक दूसरे गांव मुझेड़ा सादात के सामाजिक कार्यकर्ता मेहरबान के मुताबिक उन्होंने हमेशा अपने गांव के स्कूल का दोपहर में ताला लगा देखा है। अक्सर सुबह बच्चे सुबह स्कूल में झाड़ू लगाते भी दिख जाते हैं। यहां ध्यान रहे कि यूपी के एक स्कूल में नमक रोटी का खुलासा करने वाले पत्रकार, झाड़ू लगाने का खुलासा करने वाले एक दूसरे पत्रकार पर भी मुकदमा दर्ज हो चुका है। हालात ये हैं कि अध्यापक अब मिड डे मील योजना पर बात करने से बचते हैं और बहाना बनाते हैं।

Published: 04 Dec 2019, 5:00 PM IST

सरकारी स्कूल के पूर्व शिक्षक दयाचंद भारती बताते हैं, "इन स्कूलों में ज्यादातर दलित और अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चे पढ़ते हैं। ये सभी गरीब घरों से आते हैं। सरकार एक बच्चे को मिड डे मील में 4 रुपये 48 पैसे देती है। अब इस पैसे में बच्चा क्या कुछ खा सकता है, आप ही समझ लीजिए!

गौरतलब है कि कुछ समय पहले मिड डे मील खत्म करने की भी चर्चा हुई थी। लेकिन अब सरकार ने प्रयोग के तौर पर कुछ जगहों पर एनजीओ को इसका काम सौंपा है। मगर इन एनजीओ के काम की बानगी मुजफ्फरनगर में छात्रों की दाल में चूहा निकलने की घटना में दिख चुकी है।

Published: 04 Dec 2019, 5:00 PM IST

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: 04 Dec 2019, 5:00 PM IST