नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमा पर किसानों का विरोध-प्रदर्शन गुरुवार को 15वें दिन भी जारी है। इस बीच किसानों का कहना है कि कानून में संशोधनों के लिए बहुत देर हो चुकी है, अगर सरकार वास्तव में चाहती तो सितंबर में ही ऐसा कर सकती थी, जब उन्होंने पहली बार पंजाब भर में अपना विरोध शुरू किया था। उन्होंने आंदोलन में किसी भी तरह से विदेशी हाथ होने की बात को खारिज किया है। हालांकि, उन्होंने यह उम्मीद जताई है कि उनका यह आंदोलन विश्वव्यापी आंदोलन में बदल जाएगा।
पंजाब के वरिष्ठ किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने एक विशेष बातचीत में कहा, "जो लोग कहते हैं कि चीन और पाकिस्तान इस आंदोलन को चला रहे हैं, मैं उनसे पूछना चाहता हूं, संयुक्त राष्ट्र (यूएन) हमारा समर्थन कर रहा है। क्या यूएन भी चीन और पाकिस्तान द्वारा चलाया जाता है?" उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने स्वीकार किया है कि कानून में कोई दोष है, तो केवल एक ही रास्ता है कि वह इसे वापस लें। पेश है सिरसा से बातचीत के कुछ प्रमुख अंशः
Published: 10 Dec 2020, 7:12 PM IST
प्रश्न- चूंकि आपने केंद्र सरकार द्वारा विस्तारित प्रस्ताव को पहले ही खारिज कर दिया है, इसलिए अब आगे की क्या कार्ययोजना है?
उत्तर- हमारी कार्ययोजना बहुत स्पष्ट है, हमने शांतिपूर्ण ढंग से विरोध करना शुरू किया था, शांतिपूर्ण तरीके से कर रहे हैं और भविष्य में भी यह इसी तरह जारी रहेगा। जहां तक कार्ययोजना की बात है, हमने 'आओ दिल्ली, चलो दिल्ली' का आह्वान किया है, जिसके तहत हम 12 दिसंबर तक दिल्ली-जयपुर हाईवे को बंद कर देंगे, जबकि 14 दिसंबर को जिला परिसरों में प्रदर्शन शुरू हो जाएगा और जो लोग दिल्ली नहीं पहुंच सकते, वे वहीं से अपना विरोध जताएंगे। इसके अलावा हम जियो सहित रिलायंस के सभी उत्पादों और मॉलों व पेट्रोल पंपों का बहिष्कार करेंगे। हम पूरे देश में बीजेपी के मंत्रियों के घरों का घेराव करेंगे।
Published: 10 Dec 2020, 7:12 PM IST
सरकार ने आपके सभी मुद्दों का हल निकालते हुए एक लंबा प्रस्ताव भेजा है, क्योंकि कानून में पहले से ही संशोधन किए जा चुके हैं, फिर आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका क्या है?
अब संशोधनों के लिए बहुत देर हो चुकी है, अगर सरकार वास्तव में ऐसा करना चाहती थी तो उन्हें सितंबर में ही ऐसा करना चाहिए था, जब हमने पंजाब में विरोध-प्रदर्शन शुरू किया था। वे अब संशोधन का प्रस्ताव क्यों दे रहे हैं? सरकार ने कल जो प्रस्ताव भेजा था, उसमें कुछ भी नया नहीं था। आठ तारीख को हमने गृहमंत्री के साथ बैठक में स्पष्ट किया था कि कानून वापस लेने का जवाब सरल तरीके से हां या नहीं में ही होना चाहिए। संशोधनों का समय बहुत पहले बीत चुका है, अब सरकार सीधी बात करे। जब सरकार ने स्वीकार किया है कि कानूनों में कोई दोष है, तो उन्हें सीधे हां या ना में जवाब देना चाहिए।
Published: 10 Dec 2020, 7:12 PM IST
अगर अनुमान लगाया जाए तो विरोध में शामिल होने के लिए कितने और लोग आ रहे हैं?
संख्याएं? ये बेशुमार और अनगिनत हैं। यह एक राष्ट्र का आंदोलन नहीं रहा, बल्कि यह अब दुनिया भर में फैल चुका है। जो लोग कहते हैं कि चीन और पाकिस्तान इस आंदोलन को चला रहे हैं, मैं उनसे पूछना चाहता हूं, संयुक्त राष्ट्र हमारा समर्थन कर रहा है, क्या संयुक्त राष्ट्र चीन और पाकिस्तान द्वारा संचालित है? जो लोग इस तरह सोचते हैं, उन्हें मानसिक अस्पतालों (मेंटल हॉस्पिटल) में भर्ती कराया जाना चाहिए।
Published: 10 Dec 2020, 7:12 PM IST
चूंकि भविष्य की योजना दिल्ली-जयपुर राजमार्ग को अवरुद्ध करने की है, इसलिए आप दिल्ली के लोगों से क्या कहेंगे, जिन्हें इसके कारण समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है?
हम दिल्ली के लोगों और उन सभी लोगों के प्रति सहानुभूति रखते हैं, जो हमारे आंदोलन के कारण समस्या का सामना कर रहे हैं या करेंगे, लेकिन हम असहाय और मजबूर हैं, क्योंकि आज हम जिन मांगों के लिए लड़ रहे हैं, उनकी भविष्य में एक अभिन्न भूमिका होगी। मैं दिल्ली के लोगों से माफी मांगना चाहूंगा कि उन्हें इस आंदोलन के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ेगा, लेकिन इसके अलावा कोई और रास्ता नहीं है।
आप कैसे उन लोगों की देखभाल कर रहे हैं जो उम्रदराज हैं और ठंड और कोविड-19 के कारण बीमार हो सकते हैं?
राष्ट्र भर के हमारे भाई ड्राई फ्रूट्स भेज रहे हैं। चिकित्सा की बात करें तो इसके लिए मेडिकल कैंप पहले से ही लगे हैं। कंबल इत्यादि के भी पुख्ता प्रबंध हैं।
Published: 10 Dec 2020, 7:12 PM IST
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 10 Dec 2020, 7:12 PM IST