सेवानिवृत्ति निकाय कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने 6 करोड़ अपने खाताधारकों को खुशखबरी दी है। ईपीएफ में जमा राशि पर मिलने वाले ब्याज दर में ईपीएफओ ने इजाफा कर दिया है। ईपीएफओ ने मंगलवार को 2022-23 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि पर 8.15 प्रतिशत ब्याज दर तय की। यह फैसला ईपीएफओ के ट्रस्टी बोर्ड ने लिया है। सीबीटी के फैसले के बाद 2022-23 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर वित्त मंत्रालय की मंजूरी के लिए भेजी जाएगी।
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पिछले साल ईपीएफओ ने 2021-22 के लिए ब्याज दर 8.1 फीसदी घोषित की थी, जो 40 साल में सबसे कम थी। पिछली बार 1977-78 में ब्याज दर गिरकर 8 फीसदी पर आ गई थी। इससे पहले मार्च 2020 में, ईपीएफओ ने भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को 2019-20 के लिए 8.5 प्रतिशत के सात साल के निचले स्तर पर घटा दिया था, जो 2018-19 के लिए 8.65 प्रतिशत था।
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ईपीएफ के ब्याज दर में हुई बढ़ोतरी से लगभग 6 करोड़ एक्टिव सब्सक्राइबर्स को फायदा होगा। इनमें से 72.73 लाख वित्त वर्ष 22 में पेंशनभोगी थे। कर्मचारी की सैलरी पर 12 प्रतिशत की कटौती ईपीएफ अकाउंट के लिए होती है। एम्प्लॉयर की तरफ से एंप्लाई की सैलरी में की गई कटौती का 8.33 फीसदी ईपीएस (कर्मचारी पेंशन योजना) में, जबकि 3.67 प्रतिशत ईपीएफ में जमा होता है।
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