बिहार में एक बार नियोजनालयों को फिर से दुरुस्त करने की कवायद प्रारंभ हुई है। बेरोजगारों को निबंधन के लिए बने नियोजनालय अब न केवल आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे बल्कि यहां पहले की तरह बेरोजगारों का आंकड़ा भी दुरुस्त किया जाएगा। बिहार के श्रम संसाधन विभाग ने इसकी तैयारी प्रारंभ कर दी है। श्रम संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पहले की तरह नियोजनालयों को अब फिर से मजबूत बनाया जा रहा है। यहां के बेरोजगारों का निबंधन नंबर भी अब एक ही होगा।
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बताया जाता है कि अभी राज्य स्तर पर बेरोजगारों के निबंधन की संख्या अलग-अलग होता है। नई प्रणाली में बेरोजगारों के निबंधन संख्या एक ही रहेगी। एक संख्या मिलने के बाद वही नंबर दूसरे बेरोजगारों के नाम पर नहीं रहेगा। निबंधन में बेरोजगारों की योग्यता के साथ ही उनके पसंद के क्षेत्र का भी पूरा ब्योरा रहेगा।
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अधिकारी बताते हैं कि इससे अगर कोई वैकेंसी आएगी तो उस सेक्टर से जुड़े राज्यभर के बेरोजगारों को एसएमएस भेजकर जानकारी दी जा सकेगी। नियोजनालय में राज्यस्तर पर क्षेत्रवार बेरोजगारों का आंकड़ा भी तैयार होगा। राज्य में पटना सहित सभी जिले में नियोजनालय हैं। यहां बेरोजगारों का निबंधन हुआ करता है और वैकेंसी आने पर उनको रिक्तियों की जानकारी दी जाती है।
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उल्लेखनीय है कि फिलहाल राज्य के कई नियोजनालयों में कम्प्यूटर की भी सुविधा नहीं है। ऐसे में विभाग यह जान नहीं पाता है कि कितने बेरोजगार किस क्षेत्र के हैं, इसलिए विभाग ने सभी नियोजनालयों में कम्प्यूटर के साथ ही इंटरनेट और वाई-फाई की सुविधा भी देने का निर्णय लिया है। आधुनिक सुविधा से लैस होने के बाद नियोजनालय में बेरोजगारों से संबंधित कोई जानकारी सर्च किया जा सकेगा।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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