पश्चिम गोदावरी जिला मुख्यालय एलुरु में रहस्यमयी बीमारी के फैलने के पीछे कारण कीटनाशक के अवशेष थे। राज्य सरकार ने अपने बयान में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और अन्य संगठनों के हवाले से यह बात कही है। इसमें कहा गया है, "विशेषज्ञों ने कहा है कि यह समझने के लिए दीर्घकालिक अध्ययन की जरूरत है कि कीटनाशकों के इन अवशेषों ने मानव शरीर में कैसे प्रवेश किया।"
Published: 17 Dec 2020, 11:01 AM IST
मुख्यमंत्री वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी ने एम्स, और भारतीय रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईसीटी) को यह जिम्मेदारी सौंपी है। उन्होंने रहस्यमयी बीमारी को लेकर विशेषज्ञों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस भी की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को पश्चिम गोदावरी के सभी जिलों में सभी स्रोतों से पीने के पानी के नमूने लेने और उनका परीक्षण करने के भी निर्देश दिए।
Published: 17 Dec 2020, 11:01 AM IST
उन्होंने कहा है, "नमूनों को व्यवस्थित रूप से इकट्ठा करके विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में उनका विश्लेषण किया जाना चाहिए। एम्स और आईआईसीटी को एलुरु में प्रकोप के कारणों पर दीर्घकालिक अध्ययन करना चाहिए। मैंने मुख्य सचिव से इसके लिए एक कार्य योजना तैयार करने के लिए कहा है।"
Published: 17 Dec 2020, 11:01 AM IST
रेड्डी ने यह भी कहा कि जैविक खेती को प्रोत्साहित करना चाहिए और किसानों में इसके लिए जागरूकता पैदा करनी चाहिए।
Published: 17 Dec 2020, 11:01 AM IST
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Published: 17 Dec 2020, 11:01 AM IST