चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी के साथ नंदीग्राम में हुई घटना पर टीएमसी के पत्र का जवाब दिया है। आयोग ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि यह वास्तव में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और इस पर तत्काल और गहराई से जांच करने की आवश्यकता है। हालांकि, आयोग ने कड़े शब्दों में राज्य के डीजीपी और एडीजी को हटाने पर टीएमसी के आरोपों को खारिज कर दिया है।
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चुनाव आयोग ने वहीं टीएमसी के आरोपों पर आयोग ने कहा कि यह कहना पूरी तरह से गलत है कि आयोग ने चुनाव कराने और पूरे शासन ढांचे को लागू करने के नाम पर राज्य में कानून-व्यवस्था मशीनरी को अपने कब्जे में ले लिया है। डीजीपी को बिना किसी प्रक्रिया के नहीं हटाया गया। विशेष पर्यवेक्षकों की सिफारिश पर ऐसा किया गया।
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इसी तरह, विशेष पर्यवेक्षकों द्वारा भेजे गए आवेदन पर विचार करने के बाद एडीजी लॉ एंड ऑर्डर को भी बदला गया। जब चुनावों की घोषणा हो चुकी हो, तो राज्य सरकार से परामर्श करना कानूनी रूप से आवश्यक या अनिवार्य नहीं है क्योंकि ये सामान्य रूप से अस्थायी उपाय हैं।
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चुनाव आयोग ने कड़े शब्दों में कहा कि कल भी जब आयोग को इस घटना की जानकारी हुई, तो फौरन पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और विशेष पर्यवेक्षकों से 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट मांगी गई। जब तक आयोग के पास रिपोर्ट उपलब्ध नहीं हो जाती, तब तक इस घटना को लेकर कोई निष्कर्ष निकालना या डीजीपी के ट्रांसफर से जोड़ना संभव नहीं होगा।
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