लोकसभा चुनाव के पहले चरण से एक दिन पहले मोदी सरकार को लगातार झटके लग रहे हैं। एक ओर राफेल मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को झटका देते हुए उनकी दलीलों को खारिज कर दिया है और कहा है कि जो कागजात कोर्ट में पेश किए गए वो मान्य हैं। दूसरी ओर चुनाव आयोग ने ‘नमो टीवी’ को लेकर बीजेपी को झटका दिया है। चुनाव आयोग ने कहा है कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद इस तरह से विज्ञापन करने के लिए बीजेपी को अनुमति लेनी चाहिए थी।
चुनाव आयोग ने कहा कि नमो टीवी एक टीवी चैनल नहीं बल्कि ये बीजेपी का चुनाव प्रचार करने का एक माध्यम है। इसलिए यह एक चुनावी विज्ञापन माना जाएगा। आयोग ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि नमो टीवी का कंटेंट लोकल मीडिया सर्टिफिकेशन और मॉनिटरिंट कमेटी से क्लियर होकर जाए। आयोग ने बताया कि लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए राज्य और जिला स्तर पर ऐसी कमेटियों का गठन किया गया है। इनका काम राजनीतिक कैंपेन और विज्ञापनों को मंजूरी देने का है।
खबरों के मुताबिक, आयोग इस मुद्दे पर बीजेपी से सवाल भी करेगा और इसपर होने वाले पूरे खर्च की जानकारी सालाना ऑडिट रिपोर्ट में शामिल करनी होगी। हालांकि, बीजेपी पहले ही ये मान चुकी है कि उसने इस चैनल पर होने वाले खर्च का ब्योरा ऑडिट रिपोर्ट में दिया है।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मंंगलवार को चुनावी शोर थम चुका है। लेकिन नमो टीवी पर मंगलवार शाम 5 बजे के बाद भी पीएम मोदी के भाषण लगातार दिखाए जा रहे थे। खबरों की माने तो चुनाव आयोग ने नमो टीवी या डीटीएच ऑपरेटर पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं किया है। बता दें कि 1951 की धारा 126 के अनुसार, किसी इलाके में मतदान खत्म होने से 48 घंटे पहले तक किसी तरह के सिनेमैटोग्राफ, टेलीविजन या ऐसे किसी अन्य साधन के जरिए किसी भी तरह की चुनावी सामग्री को प्रदर्शन नहीं किया जा सकता। अगर ऐसा होता है कि इसे धारा 126 का उल्लंघन माना जाएगा।
बता दें कि 31 मार्च को नमो टीवी लॉन्च हुआ था, जिस पर पीएम मोदी के भाषण, बीजेपी का चुनावी प्रचार, मोदी सरकार की योजनाओं का बखान किया जा रहा है। इसको लेकर कांग्रेस और कई विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी। शिकायत मिलने के बाद चुनाव आयोग ने नमो टीवी को लेकर मोदी सरकार से जवाब मांगा था। इस पर जवाब देते हुए सूचना प्रचारण मंत्रालय ने कहा था कि यह कोई चैनल नहीं है इसलिए इसे किसी तरह की परमिशन की जरूरत नहीं है।
वहीं कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने नमो टीवी को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत की थी। विपक्षी पार्टियों ने चुनाव से ठीक पहले ‘नमो चैनल' शुरु करने की इजाजत देने की शिकायत करते हुए कहा इसे आचार संहिता का उल्लंघन बताया था। वहीं कांग्रेस ने मोदी सरकार पर लोकतंत्र का गला घोंटने का आरोप लगाते हुये कहा था कि चुनाव आयोग को इस पर अंकुश लगाना चाहिए।
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