हालात

चुनाव आयोग ने आखिरकार जारी किया पहले 5 चरणों की वोटिंग का डेटा, सुप्रीम कोर्ट तक मामला पहुंचने पर जारी किए आंकड़े

चुनाव आयोग से जारी डेटा के मुताबिक पहले पांच चरणों में 76.3 करोड़ से अधिक पात्र मतदाताओं में से 50.7 करोड़ लोगों ने वोट डाला है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

चुनाव आयोग ने आखिरकार पहले पांच चरणों में हुए मतदान के दौरान वोट डालने वाले  वोटरों की संख्या का खुलासा किया। लेकिन इसके लिए राजनीतिक दलों, निर्दलीय प्रत्याशियों और चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता की वकालत करने वाले संस्थानों को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। चुनाव आयोग ने शनिवार को पहले पांच चरणों में हुए चुनाव में हर लोकसभा सीट पर पड़े वोटों का लेखा-जोखा जारी कर दिया। शनिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, पहले पांच चरणों में 76.3 करोड़ से अधिक पात्र मतदाताओं में से 50.7 करोड़ लोगों ने वोट डाला है।

यहां गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को चुनाव आयोग के इस दावे से असहमति जताई थी कि अदालत ने फॉर्म 17सी में दिए गए डेटा के खुलासे से जुड़े मुद्दों का निपटारा कर लिया है, जो एक मतदान केंद्र पर डाले गए वोटों के रिकॉर्ड से संबंधित है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने फॉर्म 17सी में दर्ज बूथ-वार मतदाता आंकड़े जारी करने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने से इनकार कर दिया था।

Published: undefined

लेकिन शनिवारको चुनाव आयोग ने अचानक पहले पांच चरणों में संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में पात्र मतदाताओं और डाले गए वोटों की पूर्ण संख्या जारी की, और कहा कि ऐसा इसलिए किया गया है ताकि मतदाता मतदान डेटा जारी करने में “देरी” के बारे में भ्रमों को विराम दिया जा सके। चुनाव आयोग ने साथ में जो सफाई दी उसमें जोर इस बात पर रहा कि डाले गए वोटों की संख्या में कोई भी बदलाव संभव नहीं है।

पहले पांच चरण के आंकड़े जारी करते समय आयोग ने दोहराया कि पूरा मतदाता डेटा फॉर्म 17सी के हिस्से के रूप में सभी उम्मीदवारों के अधिकृत एजेंटों के पास उपलब्ध है, जिसकी एक प्रति मतदान के बाद उनके साथ साझा की जाती है। चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा, “देश भर में लगभग 10.5 लाख मतदान केंद्रों के साथ, लगभग 40 लाख एजेंट (प्रत्येक मतदान केंद्र पर 3-4 एजेंट मानकर) और लगभग 8,000 उम्मीदवारों को फॉर्म 17सी के माध्यम से सभी मतदान डेटा मिलते हैं।” इस प्रकार, एक निर्वाचन क्षेत्र में डाले गए वोटों की कुल संख्या, जैसा कि फॉर्म 17सी में दर्ज है, किसी की काल्पनिक शरारत से भी कभी नहीं बदली जा सकती है।

Published: undefined

आयोग ने कहा कि मतदान डेटा जारी करने में कोई देरी नहीं हुई है। उसके मुताबिक मतदान के दिन शाम 5.30 बजे तक हर दो घंटे के आधार पर अपडेट किया जाता है। आधी रात तक, प्रतिशत के रूप में अनुमानित ‘मतदान समाप्ति’ डेटा दिखाता है। चुनावी ड्यूटी में लगी टीमों के आने और दोबारा मतदान के समय के आधार पर मतदान के दूसरे, तीसरे या चौथे दिन डेटा को अंतिम रूप दिया जाता है।

इसके साथ ही चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि चुनावी प्रक्रिया को खराब करने के लिए झूठी कहानियां और शरारती नेरैटिव बनाने की कोशिश की जा रही है। इनमें एक पैटर्न दिखता है। सुप्रीम कोर्ट ने सारी चीजें साफ कर दी हैं। यही बात मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने भी वोट डालने के वक्त पत्रकारों से बातचीत में कही थी।

Published: undefined

गौरतलब है कि सभी विपक्षी दल और तमाम नागरिक संगठन हर चरण में मतदाताओं की वास्तविक संख्या जारी करने की मांग कर रहे थे, जबकि चुनाव आयोग मतदान प्रतिशत जारी कर रहा था और इसमें भी 3 से 11 दिन तक का समय लग रहा था। आंकड़े सार्वजनिक करने के साथ ही जारी प्रेस नोट में चुनाव आयोग ने कहा, “चुनाव संचालन नियम 1961 के नियम 49 वी (2) के अनुसार उम्मीदवारों के एजेंटों को हमेशा ईवीएम और वैधानिक कागजात, जिसमें मतदान केंद्र से स्ट्रॉन्ग रूम में स्टोरेज तक फॉर्म 17 सी भी शामिल है, ले जाने की अनुमति है।” इसमें कहा गया है, “उम्मीदवार या उनके एजेंट फॉर्म 17सी की कॉपी मतगणना केंद्र में लाते हैं और हर राउंड के नतीजे से इसकी तुलना करते हैं।”

बताना जरूरी है कि पूरा विवाद चुनाव संचालन नियम, 1961 के फॉर्म 17सी और फॉर्म 17सी (भाग2) से डेटा के तेजी से जारी होने को लेकर है, जिसमें प्रत्येक मतदान केंद्र के नाम से शुरू होने वाले और मतदाताओं की संख्या सहित कई डेटा दर्ज होते हैं। इसमें खारिज किए गए मतों की संख्या, और अंततः स्वीकृत मतों की संख्या भी होती है। फॉर्म 17सी का दूसरा भाग भी अहम होता है। यह मतगणना के दिन (जो इस बार 4 जून को होगी) लागू होता है, जब मतदान के दिन स्वीकृत वोटों की कुल संख्या के मुकाबले सभी उम्मीदवारों के वोटों की संख्या की जांच की जाती है। इसका मकसद वोटों में हेरफेर से बचना है।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined