मिजोरम में चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ के प्रभाव के चलते मूसलाधार बारिश और भूस्खलन की घटनाओं में कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से 14 की मृत्यु पत्थर की खदान धंसने से हुई है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन के बाद से कई अन्य लोग लापता हैं। राज्य की राजधानी का अधिकतर हिस्सा कई घंटों तक देश के बाकी हिस्सों से कटा रहा और शहर को प्राकृतिक आपदा का खामियाजा भुगतना पड़ा।
मिजोरम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एमएसडीएमए) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि एक भीषण भूस्खलन के कारण आइजोल जिले में पत्थर की खदान धंसने से दो नाबालिगों समेत कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई और आठ अन्य लापता हो गए।
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असम में मंगलवार को चक्रवात के बाद तेज हवा के साथ भारी बारिश हुई और इनसे जुड़ी अलग-अलग घटनाओं में चार लोगों की मौत हो गई और 18 अन्य घायल हो गए।
नगालैंड में, चार लोगों की मौत हो गई और 40 से अधिक घरों को नुकसान पहुंचा, जबकि मेघालय में भारी बारिश के कारण दो लोगों की मौत हो गई और 500 से अधिक अन्य घायल हो गए।
मिजोरम के एक अधिकारी ने बताया कि घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी हिस्से में स्थित मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई।
एमएसडीएमए ने बताया कि भूस्खलन के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 22 लोग दब गए। प्राधिकरण के मुताबिक अब तक 14 शव बरामद किए जा चुके हैं और लगभग आठ लोग अब भी लापता हैं।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘पत्थर की खदान धंसने से मरने वालों में चार साल का लड़का और छह साल की लड़की शामिल हैं।”
आइजोल के उपायुक्त नाजुक कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि जब तक मलबा साफ नहीं हो जाता, तब तक तलाश अभियान जारी रहेगा।
मिजोरम के पुलिस महानिदेशक अनिल शुक्ला ने बताया, ‘‘पत्थर की खदान पिछले तीन दशक से बंद थी और खदान के पास बने घर ढह गए।’’ उन्होंने कहा कि बारिश की वजह से बचाव कार्य में बाधा आ रही है।
शुक्ला ने कहा कि मिजोरम में विभिन्न स्थानों पर बारिश के कारण भूस्खलन की सूचना मिली है और कई अन्य लोग बह गए हैं।
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