छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का इस्तेमाल कर सबको प्रताड़ित कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि अब ऐसा लगता है कि केेंद्रीय एजेंसी भगवा पार्टी के उम्मीदवारों की जगह चुनाव लड़ेगी।
अपने राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा के आवास पर ईडी द्वारा छापेमारी के एक दिन बाद दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस में बघेल ने कहा, “छत्तीसगढ़ सरकार की छवि को दबाने और खराब करने का प्रयास किया गया है। यह सब विधानसभा चुनाव में उनकी (बीजेपी) हार के बाद शुरू हुआ। वे ढाई साल तक शांत थे, लेकिन चुनाव करीब आते ही फिर से सक्रिय हो गए हैं।''
उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एजेंसियां छत्तीसगढ़ में 2168 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगा रही हैं, जिसे वे साबित करने में असमर्थ हैं। उन्होंने आगे कहा कि छापेमारी में जो संपत्ति बरामद हुई है, वह बहुत छोटी रकम है।
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बघेल ने कहा कि "नकली होलोग्राम लगाने का आरोप लगाया, लेकिन होलोग्राम खुदरा विक्रेता द्वारा लगाया जाता है। मगर रिटेलर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ईडी ने आरोप लगाया था कि राज्य के राजस्व को नुकसान हुआ है, जबकि उसे केवल फायदा हुआ है। उन्होंने एफआईआर में कर्नाटक, भोपाल और नोएडा में 500 करोड़ रुपये का कोयला घोटाला होने का आरोप लगाया, चल और अचल संपत्ति मिलाकर रकम 150 करोड़ रुपये तक पहुंच गई।''
बघेल ने कहा कि बीजेपी की समस्या यह है कि वह इस बात से परेशान है कि सरकार ने किसानों से 107 लाख मीट्रिक टन धान कैसे खरीद लिया, जो पहले खुले में सड़ जाता था। उन्होंने कहा, “हमने उन सभी नुकसानों को बचा लिया। यही उनकी चिंता कार कारण है।'' बघेल ने आरोप लगाया कि वे (ईडी के अफसर) घरों में जाते हैं और मोबाइल जब्त कर लेते हैं।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा कि, "वे संपत्ति और खाते जब्त कर लेते हैं, लोगों को पांच-छह दिनों तक घर में बंधक बनाकर रखते हैं। उनके पास कोई सवाल नहीं है। जब तक ऊपर से आदेश नहीं आता, वे खाली बैठे रहते हैं, फिर राजनीतिक सवाल पूछते हैं।"
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बघेल ने कहा, “मुझे जो पता चला, वह यह कि ईडी ने किसी को भी 4 घंटे से ज्यादा सोने की इजाजत नहीं दी। ईडी लोगों को उनके ही घर में तीन से पांच दिनों से ज्यादा समय तक बंधक बनाकर रखता है और अगर कोई बीमार है तो उन्हें दवा भी खरीदने की इजाजत नहीं देता है। यह पूरी तरह से यातना है।'' उन्होंने कहा कि जितनी भी जांच एजेंसियां हैं, वे सिर्फ बीजेपी सरकार के इशारे पर काम कर रही हैं।
बुधवार को कई स्थानों पर हुई ईडी की छापेमारी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "कल वे मेरे राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा और ओएसडी के घर पहुंचे। उन्हें कुछ नहीं मिला। पहले आईटी ने छापा मारा, फिर ईडी ने प्रवेश किया। कोर्ट ने कहा कि इन मामलों की सिर्फ सीबीआई जांच होनी चाहिए। मगर इसका उद्देश्य राज्य सरकार के काम को रोकना है। ये केवल राजनीतिक उद्देश्य पूरा करते हैं। दरअसल, वे लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव नहीं लड़ना चाहते।"
उन्होंने कहा कि, “ऐसा लगता है कि ईडी हमारे खिलाफ चुनाव लड़ेगा, न कि बीजेपी उम्मीदवार...।” उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी लोगों को धमकी दे रहा है कि वे इस पेपर पर हस्ताक्षर करें, अन्यथा वे उन्हें जेल भेज देंगे।
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मुख्यमंत्री ने कहा, "छत्तीसगढ़ में 200 से अधिक छापे मारे गए हैं। केंद्र सरकार यह सब करवा रही है। संजय मिश्रा (ईडी निदेशक) के बारे में हर कोई जानता है।" बघेल ने कहा कि, "अगले कुछ महीनों में आईटी के 200-250 कर्मियों की एक टीम पूरे छत्तीसगढ़ में छापेमारी करेगी...जैसे-जैसे वे अधिक छापेमारी करेंगे, उनकी सीटें कम होती जाएंगी...।"
मुख्यमंत्री ने कहा, “हालांकि, छत्तीसगढ़ के लोग रणनीति को समझ गए हैं। जैसे-जैसे वे अधिक छापे मारेंगे, उनकी सीटें कम होती जाएंगी। उनके पास 15 सीटें थीं, इस समय 13 सीटें हैं, अगर वे ऐसा ही करते रहे, तो उनके लिए 15 सीटें जीतना भी मुश्किल हो जाएगा।”
यह पूछे जाने पर कि क्या अपने सहयोगी के परिसरों पर गिरफ्तारी और छापे के बाद उन्हें गिरफ्तार होने का डर है, बघेल ने कहा : “हम छत्तीसगढ़ से हैं। हम न मौत से डरते हैं, न जेल जाने से डरते हैं। नक्सलियों ने हमारेे बहुत से लोगों की हत्या की है, हमारे सभी वरिष्ठ नेता शहीद हुए हैं और यह सब उनके (बीजेपी) शासन के दौरान हुआ। उन्होंने मुझे पहले भी जेल भेजा था। रमन सिंह ने मुझे जेल भेजा था और 15 साल की उनकी सरकार सिर्फ 15 सीटों पर सिमट गई।“
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बघेल ने आगे कहा कि वह विधानसभा चुनाव में बीजेपी को करारा जवाब देंगे और छत्तीसगढ़ से पार्टी का सफाया कर देंगे। उनकी टिप्पणी ईडी द्वारा महादेव ऐप मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चल रही जांच के तहत छत्तीसगढ़ पुलिस के एक सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) चंद्रभूषण वर्मा और तीन अन्य - सतीश चंद्राकर, अनिल दम्मानी और सुनील दम्मानी को गिरफ्तार करने के एक दिन बाद आई है।
(आईएएनएस इनपुट के साथ)
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