मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। ईडी का कहना है कि आरोपी ब्रजेश ठाकुर और उसके कर्मचारी अवैध रूप से राज्य सरकार से आश्रय गृह के नाम पर पैसे ले रहे थे।
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ईडी के मुताबिक, बिहार सरकार से प्राप्त अनुदान में अनियमियताओ की जांच होगी। बालिका गृह और महिला अल्पावास गृह का फर्जी तरीके से संचालन कर सरकार से अनुदान प्राप्त किया जाता था। इससे पहले बिहार पुलिस ने ब्रजेश ठाकुर की 2.65 करोड़ की संपत्ति जब्त करने का फैसला किया है।
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बता दें कि मुंबई स्थित टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस की एक रिपोर्ट में इस मामले का खुलासा हुआ था। इंस्टिट्यूट ने सूबे की सरकार को सामाजिक अंकेक्षण रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट में बच्चियों के साथ मुजफरपुर बालिका आश्रय गृह में लड़कियों के साथ यौन शोषण की घटना सामने आई थी। बच्चियों की चिकित्सकीय जांच के बाद 34 लड़कियों के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी।
इस मामले में पुलिस ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को गिरफ्तार किया था और अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सरकार ने पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। इस मामले में राज्य के सामाजिक कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को इस्तीफा भी देना पड़ा।
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