सोमवार को जहां बेंगलुरू में बीजेपी के खिलाफ एकता के लिए विपक्षी दलों की बैठक की तैयारी हो रही थी, वहीं दूसरी तरफ उसी समय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री और डीएमके नेता के. पोनमुडी को हिरासत में ले लिया। यह घटना इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि जिस समय ईडी ने यह कार्रवाई की, ठीक उसी समय तमिलनाडु के सीएम और डीएमके प्रमुख स्टालिन विपक्षी दलों की बैठक के लिए बेंगलुरू में थे।
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ईडी के अधिकारी 2006-2011 के दौरान आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में सुबह से ही के. पोनमुडी के परिसरों पर छापेमारी कर रहे थे। इस अवधि के दौरान पोनमुडी खान और खनिज मंत्री थे। ईडी ने आरोप लगाया है कि मंत्री अपने करीबी सहयोगियों और अन्य लोगों को खदान लाइसेंस मंजूर करने में शामिल रहे हैं।
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बता दें कि पोनमुडी स्टालिन कैबिनेट के दूसरे मंत्री हैं जिन्हें ईडी ने हिरासत में लिया है। सबसे पहले सेंथिल बालाजी को न्यायिक हिरासत में लिया गया था। पोनमुडी सबसे वरिष्ठ डीएमके नेताओं में से एक हैं। एजेंसी द्वारा वरिष्ठ नेता के परिसरों पर छापेमारी और उसके बाद उनको हिरासत में लेने से तमिलनाडु में शासन करने वाली डीएमके को झटका लगा है।
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ईडी की यह कार्रवाई ठीक उस दिन हुई है, जिस दिन बेंगलुरू में विपक्षी दलों की बैठक बुलाई गई थी। जिस समय पोनमुडी के परिसरों पर छापेमारी चल रही थी, उस समय विपक्षी नेता बेंगलुरू पहुंच रहे थे। और फिर शाम में जब विपक्षी दलों की अहम बैठक चल रही थी, तो ठीक उसी समय उन्हें हिरासत में ले लिया गया। ऐसे में ईडी की इस कार्रवाई की टाइमिंग को लेकर सवाल जरूर उठते हैं।
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