मौजूदा वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था में 25 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है। सरकारी दावों के विपरीत जाने माने अर्थशास्त्री अरुण कुमार ने कहा है कि अर्थव्यवस्था में सुधारों के लिए जो तेजी होनी चाहिए थी वह नहीं हो रही है।
अरुण कुमार ने कहा कि जीडीपी में बड़ी गिरावट के कारण बजट अनुमान पूरी तरह गड़बड़ा चुके हैं और इसे दुरुस्त करने की सख्त जरूरत है। न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में अरुण कुमार ने कहा कि सरकार दिखा जरूर रही है लेकिन अर्थव्यस्था में सुधार हो नहीं रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष यानी 2020-21 में अर्थव्यवस्था में 25 फीसदी तक की गिरावट दर्ज हो सकती है। उन्होंने कहा कि सिर्फ आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन से कुछ नहीं होगा। यहां तक कि कृषि क्षेत्र में भी बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। ध्यान रहे कि रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी में 7.5 फीसदी का अनुमान लगाया है, जबकि एनएसओ ने इसमें 7.7 फीसदी की गिरावट की बात कही है।
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प्रोफेसर अरुण कुमार जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के पूर्व प्रोफेसर हैं। उन्होंने कहा कि जुलाई-सितंबर तिमाहियों के लिए जीडीपी के जो आंकड़े आए हैं उनमें भी कहा गया है कि इनमें संशोधन होगा। उन्होंने राजकोषीय घाटा पिछले साल के मुकाबले कहीं अधिक रहने की बात कही, साथ ही कर और गैर कर राजस्व में भी गिरावट का अनुमान व्यक्त किया।
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