चुनाव आयोग ने रामपुर से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार और वरिष्ठ नेता आजम खान और सुल्तानपुर से बीजेपी की उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी पर भी चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में प्रचार ना करने की पाबंदी लगा दी है। आजम खान पर बीजेपी उम्मीदवार जया प्रदा को लेकर की गई टिप्पणी के बाद चुनाव आयोग ने 72 घंटे तक प्रचार न करने की पाबंदी लगाई है। जबकि मेनका गांधी पर भी सुल्तानपुर में मुसलमानों से वोट नहीं देने पर काम नहीं करने की बात पर चुनाव आयोग ने 48 घंटे तक प्रचार नहीं करने की पाबंदी लगाई है। इन दोनों नेताओं पर यह पाबंदी मंगलवार सुबह 10 बजे से लागू होगी।
Published: 15 Apr 2019, 11:18 PM IST
गौरतलब है कि मेनका गांधी ने सुल्तानपुर में एक रैली के दौरान मुस्लिम मतदाताओं से कहा था कि अगर उन्हें कम वोट मिले तो इसका असर होने वाले काम पर पड़ेगा। इसी तरह आजम खान ने रामपुर से बीजेपी उम्मीदवार जया प्रदा के खिलाफ बेहद अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था। इन दोनों के बयानों पर खूब हंगामा मचा था।
Published: 15 Apr 2019, 11:18 PM IST
इससे पहले सोमवार को दिन में चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और बीजेपी के स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ और बीेएसपी सुप्रीमो मायावती पर भी प्रचार करने की पाबंदी लगाई थी। योगी के चुनाव प्रचार करने पर 72 घंटे और मायावती के चुनाव प्रचार करने पर 48 घंटे की रोक लगी है। यह पाबंदी भी मंगलवार सुबह से लागू होगी।
Published: 15 Apr 2019, 11:18 PM IST
ध्यान रहे कि कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक चुनावी सभा में कहा था कि ‘अगर आप (विपक्ष) को अली पर भरोसा है, तो हमें बजरंगबली पर भरोसा है।' इस पर चुनाव आयोग ने योगी को नोटिस जारी किया था, जिसके जवाब में योगी आदित्यनाथ ने लिखा था कि वे आगे से ध्यान रखेंगे। लेकिन उन्होंने यह भी कहा था कि उन्होंने यह बयान देवबंद में बीएसपी प्रमुख मायावती की मुस्लिम मतदाताओं से अपील के जवाब में दिया था।
वहीं मायावती ने देवबंद में एसपी-बीएसपी गठबंधन की पहली संयुक्त रैली के दौरान मुस्लिम वोटरों से अपील की थी। मायावती ने कहा था कि, “मैं इस चुनाव में मुस्लिम समाज के लोगों को सावधान करना चाहती हूं कि पूरी यूपी में कांग्रेस बीजेपी को टक्कर देने के लायक नहीं है।”
चुनाव आयोग की पाबंदी पर मायावती ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर इस फैसले को असंवैधानिक करार दिया है। उन्होंने कहा कि आयोग ने किसी के दबाव में यह फैसला लिया है। उन्होंने आयोग के फैसले को आयोग के इतिहास का काला दिन करार दिया।
Published: 15 Apr 2019, 11:18 PM IST
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Published: 15 Apr 2019, 11:18 PM IST