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भारत बंद के समर्थन में आए DUTA समेत केंद्रीय विश्वविद्यालयों के शिक्षक, सरकार पर बोला हमला

राजधानी में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलने पर दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। किसानों के आंदोलन के साथ अब दिल्ली विश्वविद्यालय समेत कई केंद्रीय विश्वविद्यालयों के प्राध्यापक भी जुड़ गए हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों के कल के भारत बंद को दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षक संगठन डूटा ने भी समर्थन देने का ऐलान किया है। दिल्ली विश्वविद्यालय के अलावा फेडरेशन ऑफ सेंट्रल यूनिवर्सिटीज टीचर्स एसोसिएशन ने भी किसानों के आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया है। केंद्रीय विश्वविद्यालय के अध्यापक किसानों द्वारा बुलाए गए भारत बंद का भी समर्थन कर रहे हैं।

Published: 08 Dec 2020, 12:01 AM IST

दिल्ली विश्वविद्यालय टीचर्स एसोसिएशन (डूटा) के अध्यक्ष राजीव रे ने इस समर्थन की जानकारी देते हुए कहा, "टीचर्स, किसानों के आंदोलन और उनकी मांगों से सहमत हैं। केंद्रीय विश्वविद्यालयों के प्राध्यापक, किसानों द्वारा 8 दिसंबर को बुलाए गए भारत बंद का भी समर्थन कर रहे हैं।"

दिल्ली विश्वविद्यालय के एक अन्य शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) ने भी किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। डीटीए में शामिल प्रोफेसर्स ने आंदोलनरत किसानों की मांगों को जायज ठहराया। डीटीए का मानना है कि किसानों की समस्या के समाधान के लिए केंद्र सरकार को बिना शर्त बात करनी चाहिए।

Published: 08 Dec 2020, 12:01 AM IST

डीटीए ने कहा, "हम आंदोलनकारी किसानों की मांग के समर्थन में उनके साथ खड़े हैं। संगठन के पदाधिकारियों ने इस विषय पर अपनी एक अहम बैठक बुलाई, जिसमें यह निर्णय लिया गया है।" एसोसिएशन के प्रोफेसर हंसराज सुमन, डॉ. नरेंद्र कुमार पांडेय, डॉ. आशा रानी, डॉ. मनोज कुमार सिंह व डॉ. राजेश राव आदि ने बैठक में किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए हर संभव सहयोग देने को कहा है।

Published: 08 Dec 2020, 12:01 AM IST

दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन के प्रभारी प्रोफेसर हंसराज सुमन ने कहा, "पिछले छह दिन से चल रहा किसानों का आंदोलन पूरी तरह से शांतिपूर्ण है, लेकिन सरकार उनके साथ कठोर बर्ताव कर रही है। सरकार उनके आंदोलन को कुचलने, दबाने, उन्हें खदेड़ने के लिए उन पर आंसू गैस के गोले दाग और ठंड में वाटर कैनन से पानी की बौछार कर उन्हें आंदोलन से हटाने की कोशिश रही है। मुद्दे हल करने के बजाय तारीख पर तारीख दे रही है।"

Published: 08 Dec 2020, 12:01 AM IST

गौरतलब है कि कई किसान संगठन केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश की अनुमति न मिलने पर दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। किसानों के इस प्रदर्शन और भारत बंद के साथ अब दिल्ली विश्वविद्यालय समेत कई अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों के प्राध्यापक भी जुड़ गए हैं।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

Published: 08 Dec 2020, 12:01 AM IST

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Published: 08 Dec 2020, 12:01 AM IST