केदारनाथ धाम में उमड़ रहे श्रद्धालुओं के सैलाब को देखते हुए दर्शन की अवधि पहली पारी में दो और दूसरी में तीन घंटे बढ़ा दी गई है। श्रद्धालु देर रात तक बाबा के दर्शनों का पुण्य अर्जित कर सकते हैं। लेकिन, लाइन में लग चुके श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होने पर मंदिर के कपाट तब तक खुले रखे जाएंगे, जब तक कि अंतिम श्रद्धालु दर्शन नहीं कर लेता। भले ही तय अवधि से अधिक समय तक मंदिर के कपाट खोले रखने पड़ें।
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इस बार बाबा केदार के दर्शनों को श्रद्धालुओं को सैलाब उमड़ रहा है। लगातार बारिश और कड़ाके की ठंड के बावजूद प्रतिदिन बीस हजार के आसपास श्रद्धालु बाबा के दर्शनों को केदारपुरी पहुंच रहे हैं। इससे दर्शन के लिए तीन-तीन किमी लंबी लाइन लग जा रही है। श्रद्धालु बेस कैंप स्थित हेलीपैड से सरस्वती पुल होते हुए मंदिर तक लाइन में लगकर घंटों अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। इससे उन्हें खासी दिक्कतें भी झेलनी पड़ रही हैं। उनकी इसी परेशानी को देखते हुए बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने दर्शन की अवधि में पांच घंटे की बढ़ोत्तरी की है।
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नई व्यवस्था के अनुसार श्रद्धालु अब पहली पारी में सुबह चार से दोपहर बाद तीन बजे तक और दूसरी पारी में शाम चार बजे से रात 10.30 बजे तक बाबा के दर्शन कर सकते हैं। दोपहर बाद तीन से चार बजे तक एक घंटे साफ-सफाई, श्रंगार और भोग के लिए मंदिर के कपाट बंद रखे जा रहे हैं। जबकि, अब तक दशन की अवधि पहली पारी में सुबह छह से दोपहर बाद तीन बजे तक और दूसरी पारी में शाम पांच से रात 8:30 बजे तक रखी गई थी। दोपहर बाद तीन से शाम पांच बजे तक दो घंटे मंदिर के कपाट बंद रहते थे।
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मंदिर समिति के प्रभारी कार्याधिकारी (केदारनाथ) आरसी तिवारी ने बताया मंगलवार से मंदिर में ब्रह्ममुहूर्त से पूर्व ही विशेष पूजाएं शुरू हो जा रही हैं। सुबह ठीक चार बजे मंदिर श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिया जा रहा है। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि दर्शनों के लिए भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर समिति से दर्शन की अवधि बढ़ाने को कहा गया था। ताकि अधिक से अधिक यात्री दर्शन कर सकें और भीड़ पर भी नियंत्रण बना रहे।
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मंदिर में दर्शनों के लिए उमड़ रही भीड़ को देखते हुए श्रद्धालुओं को सभामंडप से ही गर्भगृह में विराजमान स्वयंभू शिवलिंग के दर्शन कराए जा रहे हैं। मंदिर समिति की ओर से श्रद्धालुओं को गर्भगृह में बाबा के दर्शन की अनुमति नहीं दी जा रही। सिर्फ विशेष पूजाएं ही गर्भगृह में संपन्न हो रही हैं।
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