बीते रविवार सुबह उत्तराखंड के चमोली में आए सैलाब ने कई जिंदगियों को अपने आगोश में ले लिया। अब तक 30 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की पुष्टि भी हो चुकी है, जबकि 170 से ज्यादा लोग अभी भी लापता है जिनकी तलाश दिन रात की जा रही है। तपोवन टनल में अभी भी कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। यही वजह है कि सर्च ऑपरेशन लगातार जारी है।
आपको बता दें, गुरुवार तड़के तपोवन टनल में ड्रिलिंग ऑपरेशन शुरू किया गया। इस ड्रिलिंग के जरिए 12 से 13 मीटर लंबा छेद करने की कोशिश की जा रही है, जिससे पता चल सके कि अंदर कोई मौजूद है या नहीं। एक रिपोर्ट की मानें तो आपदा मे 204 लोग लापता हुए थे, जिसमें से 32 लोगों के शव बरामद हुए है और 10 क्षत विक्षत मानव अंग बरामद हुए हैं। 170 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं, जिनमें से 30 से 35 मजदूरों के तपोवन पॉवर प्रोजेक्ट के टनल में फंसे होने की आशंका है, जिन्हें बचाने के लिए चार दिन से कोशिशें की जा रही हैं। रेस्क्यू करने वाली टीमें युद्ध स्तर पर मिशन में जुटी हैं। रेस्क्यू टीमों में 600 से ज्यादा लोग लगातार मलबा निकालने में जुटे हैं।
आपको बता दें, एनडीआरएफ, आईटीबीपी और राज्य प्राधिकरण सेना के साथ खोज और बचाव अभियान में शामिल हैं। केंद्र स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। बचाव उपकरण के साथ सेना के इंजीनियरिंग टास्क फोर्स (ईटीएफ) की एक टीम को क्षेत्र में तैनात किया गया है। ईटीएफ कर्मियों के साथ सेना के जवानों ने तपोवन में सुरंग का मुंह खोला। सुरंग में कम तापमान और मलबे, बचाव दल के लिए एक बड़ी चुनौती हैं।
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