हैदराबाद के नेहरू जूलॉजिकल पार्क में एक चीता है, जिसे सऊदी अरब ने एक दशक पहले उपहार में दिया था। दरअसल, हैदराबाद में आयोजित सीओपी 11 शिखर सम्मेलन-2012 के मौके पर चिड़ियाघर के अपने दौरे के दौरान, सऊदी राजकुमार बंदर बिन सऊद बिन मोहम्मद अल सऊद ने दो जोड़े अफ्रीकी शेर और चीते उपहार में दिए थे। चिड़ियाघर 2013 में सऊदी अरब के राष्ट्रीय वन्यजीव अनुसंधान केंद्र से इन्हें लेकर आया था। मादा चीता की दो साल पहले मौत हो गई थी, जबकि अब्दुल्ला नाम के नर चीता को चिड़ियाघर में रखा गया है। मादा चीता हिबा का 2020 में आठ साल की उम्र में निधन हो गया। वो पैरापलेजिया बीमारी की वजह से जिंदगी की जंग हार गई थी।
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वहीं जब नामीबिया से आठ चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में लाया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने खुद इन चीतों को कुनो नेशनल पार्क में छोड़ा। इस दौरान हैदराबाद के नेहरू जूलॉजिकल पार्क में एक रैली का आयोजन किया गया।
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लगभग 70 साल पहले भारत में चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया गया था। रैली का आयोजन रंगारेड्डी जिले के जेडीमेटला के तेजस्वी विद्यारण्य स्कूल के सहयोग से किया गया। जिसमें लगभग 190 छात्रों ने भाग लिया। छात्रों ने टॉक शो, ड्राइंग, पेंटिंग और निबंध लेखन प्रतियोगिताओं जैसे कार्यक्रमों में भी भाग लिया। चीता बाड़े में चीतों पर टॉक शो आयोजित किया गया।
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कार्यक्रम का आयोजन तेलंगाना राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह के हिस्से के रूप में किया गया। इसके साथ ही नेहरू जूलॉजिकल पार्क के क्यूरेटर एस. राजशेखर ने पूरे चिड़ियाघर के कर्मचारियों की उपस्थिति में राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
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