देशभर में रोशनी का पर्व दीपावली धूमधाम से मनाया जा रहा है। दीपावली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा होती है। ऐसी मान्यता है कि दिवाली के दिन मां लक्ष्मी अपने भक्तों पर खास कृपा करती हैं। दिवाली के दिन ही मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम लंकापति रावण पर विजय हासिल कर अयोध्या लौटे थे। 14 साल का वनवास पूरा कर भगवान राम के अयोध्या लौटने की खुशी में पूरे अयोध्या को लोगों ने दीयों से सजाया था। कहा जाता है कि तभी से देशभर में दिवाली मनाई जाने लगी। आइए अब जानते हैं कि दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है और क्या है पूजा की विधि?
Published: 24 Oct 2022, 10:17 AM IST
लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त
अमावस्या तिथि प्रारम्भ: अक्टूबर 24, 2022 को शाम 5 बजकर 27 मिनट से शुरू
अमावस्या तिथि समाप्त: अक्टूबर 25, 2022 को शाम 4 बजकर 18 मिनट पर समाप्त
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: शाम 7 बजे से लेकर रात 9 बजे तक
प्रदोष काल: शाम 6 बजकर 10 मिनट से शाम 8 बजकर 39 मिनट तक
वृषभ काल: शाम 7 बजकर 26 मिनट से रात 9 बजकर 26 मिनट तक
Published: 24 Oct 2022, 10:17 AM IST
मां लक्ष्मी की पूजा करते समय इन बातों का ध्यान रखें
मां लक्ष्मी को कुछ भी अर्पित करते समय उसमें तुलसी और तुलसी मंजरी न डालें। कहा जाता है कि ऐसा करने से लक्ष्मी मां नाराज हो जाती हैं। इसके पीछे की वजह यह है कि तुलसी को विष्णु प्रिय कहा जाता है और भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरूप से उनका विवाह हुआ है। ऐसे में वह देवी लक्ष्मी की सौतन हैं। यही वजह है कि मां लक्ष्मी को कुछ भी अर्पित करते समय उसमें तुलसी और तुलसी मंजरी नहीं डालनी चाहिए।
मां लक्ष्मी की पूजा करते समय प्रयास करें कि दीपक की ज्योत लाल रंग की हो। दीये को भूलकर भी मां लक्ष्मी के बाईं ओर ना रखें, इसे दाईं ओर ही रखें। ऐसा इसलिए क्या जाता है क्योंकि भगवान विष्णु को दुनिया में रोशनी फैलाने का प्रतीक माना जाता है और मां लक्ष्मी विष्णु भगवान की पत्नी हैं, इसलिए मां लक्ष्मी की पूजा करते समय दीपक को हमेशा मां के दाईं और ही रखना चाहिए।
मां लक्ष्मी को भूलकर भी सफेद रंग के फूल ना चढ़ाएं, क्योंकि वह सुहागिन हैं। ऐसे में मां लक्ष्मी की पूजा करते समय उन्हें सिर्फ लाल और गुलाबी रंग के फूल ही चढ़ाएं। मां लक्ष्मी की मूर्ति को सफेद रंग की दरी पर ना रखें। इसके अलावा पूजा करते समय सफेद या काले रंग की किसी भी तरह की चीज का प्रयोग करने से बचें। पूजा के बाद प्रसाद को मंदिर के दक्षिण की ओर रखें। पहले घर के सभी लोग एक साथ मिलकर लक्ष्मी मां और गणेश जी की पूजा करें और प्रसाद ग्रहण करें। इसके बाद ही दिवाली का जश्न मनाएं।
Published: 24 Oct 2022, 10:17 AM IST
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 24 Oct 2022, 10:17 AM IST