कोरोना वैक्सीनेशन के मोर्चे पर परेशान करने वाली खबर है। एक स्टडी आईसीएमआर-रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (भुवनेश्वर) के मुताबिक, कोवैक्सीन और कोविशील्ड लगवाने वालों के अंदर दो-तीन महीनों बाद एंटीबॉडीज का स्तर कम होने लगता है। स्टडी में पाया गया है कि जिन्होंने कोवैक्सीन की दोनों डोज ले रखी थीं, उनमें दो महीने के बाद एंटीबॉडीज कम होने लगीं। वहीं, कोविशील्ड लेने वाले लोगों के अंदर तीन महीनों के बाद एंटीबॉडीज घटने लगीं।
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आजतक के मुताबिक, डॉ. देवदत्त भट्टाचार्य ने कहा कि हमने कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों के कुल 614 प्रतिभागियों के साथ एक स्टडी की है। शामिल लोगों पर एंटीबॉडी का प्रभाव को देखा गया और उसे फॉलो किया गया। यह लंबे समय तक होने वाली इस स्टडी का एक हिस्सा है।
उन्होंने आगे बताया, ''स्टडी में हमने पाया है कि जिन्होंने कोवैक्सीन की दोनों डोज ले रखी थीं, उनमें दो महीने के बाद एंटीबॉडीज कम होने लगीं। वहीं, कोविशील्ड लेने वाले लोगों के अंदर तीन महीनों के बाद एंटीबॉडीज घटने लगीं।''
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