राजस्थान में आर्थिक अपराधों की रोकथाम और राजस्व के स्त्रोतों पर अब अधिक मजबूती से निगरानी रखी जाएगी। इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्व आसूचना एवं आर्थिक अपराध निदेशालय के गठन का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने इस निदेशालय के गठन संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी है। इसके तहत राजस्व आसूचना एवं आर्थिक अपराध निदेशालय का नोडल और प्रशासनिक विभाग वित्त (राजस्व) विभाग होगा।
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आर्थिक अपराधों पर नियंत्रण, अनुसंधान, जांच और अभियोजन के कार्य निदेशालय के प्रमुख कार्य होंगे। इसके द्वारा भूमि पर अवैध कब्जा करने, रियल एस्टेट में धोखाधड़ी या अनियमितता, बैंक, बीमा या जमापूंजी संबंधी कार्य में धोखाधड़ी या अनियमितता, झूठा दिवालियापन घोषणा, फर्जी कम्पनियों का गठन करने, सरकारी साख समितियों के कार्य में धोखाधड़ी करने वालों पर शिकंजा कसा जाएगा। इसके साथ ही राज्य में राजस्व रिसाव की विभिन्न स्त्रोतों से सूचना प्राप्त कर उनका विश्लेषण और अन्वेषण के साथ राजस्व के समस्त स्त्रोतों पर निगरानी रखने और कर अपवंचना को रोकने संबंधी कार्य भी निदेशालय द्वारा किए जाएंगे।
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नवगठित राजस्व आसूचना एवं आर्थिक अपराध निदेशालय में महानिदेशक/आयुक्त का एक पद, अतिरिक्त निदेशक के चार पद, संयुक्त निदेशक के 10 पद, उप निदेशक के 20 पद सृजित होंगे। यह पद प्रतिनियुक्ति से भरे जाएंगे। इनके अतिरिक्त कार्य निष्पादन के लिए मुख्य लेखाधिकारी, उप विधि परामर्शी, कनिष्ठ लेखाकार, एनालिस्ट-कम-प्रोग्रामर, प्रोग्रामर का एक-एक पद, विधि सहायक, सहायक प्रोग्रामर के दो-दो पद, सूचना सहायक के 5, वरिष्ठ लिपिक, सहायक कर्मचारी के 12-12, कनिष्ठ लिपिक के 24 और वाहन चालक के 10 पद सृजित होंगे।
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यहां गौरतलब है कि राज्य में राज्य राजस्व आसूचना निदेशालय पहले से ही संचालित है। वहीं, बजट 2022-23 में कांग्रेस सरकार द्वारा आर्थिक अपराध निदेशालय की घोषणा की गई थी। अब नए निदेशालय में दोनों का सम्मिलन करने से मानव संसाधन और अपराधों की जांच में भी विश्लेषणात्मक क्षमता का समुचित उपयोग हो सकेगा।
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