हालात

योगी राज के खिलाफ बोलते ही मायावती की मुश्किलें बढ़ीं, उनकी सरकार की गड़बड़ियों  पर कार्रवाई का फैसला

योगी सरकार ने मायावती के खिलाफ सीएजी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई का फैसला लिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तत्कालीन बीएसपी सरकार ने गाजियाबाद में कृषि भूमि को आवास भूमि में बदला और इसके लिए प्रॉपर्टी डेवलेपर्स से अपेक्षित रूपांतरण शुल्क भी नहीं लिया।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। दरअसल प्रदेश की योगी सरकार ने नियंत्रक और महालेखाकार (कैग) की रिपोर्ट के आधार पर उन पर कार्रवाई करने का फैसला किया है। सीएजी की इस रिपोर्ट ने 2007 से 2012 के बीच मायावती के नेतृत्व वाली सरकार के शासन की विसंगतियों का खुलासा किया है।

Published: undefined

खास बात ये है कि प्रदेश की बीजेपी सरकार ने मायावती पर अचानक कार्रवाई करने का फैसला ऐसे समय लिया है, जब वह पिछले कुछ दिनों से योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। चाहे प्रदेश में लगातार बढ़ते अपराध का मामला हो या बीजेपी सरकार में आए दिन सामने आ रहे दलित उत्पीड़न का मामला हो, या फिर प्रदेश की योजनाओं में भ्रष्टाचार उजागर होने का मामला हो, मायावती लगातार इन मुद्दों पर पिछले कुछ दिनों से योगी सरकार के खिलाफ मुखर हैं।

Published: undefined

ऐसे में अब योगी सरकार ने अचानक बीएसपी सुप्रीमो के खिलाफ सीएजी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई शुरू करने का फैसला लिया है। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि तत्कालीन मायावती सरकार ने गाजियाबाद में कृषि भूमि को आवास भूमि में बदला और इसके लिए प्रॉपर्टी डेवलेपर्स से अपेक्षित रूपांतरण शुल्क नहीं लिया।

Published: undefined

सरकार के अनुसार, तत्कालीन मायावती सरकार के फैसले से गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) को 572.48 करोड़ रुपये का वित्तीय नुकसान हुआ और दिल्ली मास्टर प्लान 2021 का उल्लंघन करते हुए चुनिंदा प्रॉपर्टी डेवलपर्स को ही यह लाभ दिया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि जीडीए ने दिल्ली मास्टर प्लान 2021 में हाई-टेक टाउनशिप के रूप में चिन्हित 3,702.97 एकड़ सहित कुल 4,772.19 एकड़ क्षेत्र के लिए प्रॉपर्टी डेवलपर्स के लेआउट प्लान्स को मंजूरी दी थी।

Published: undefined

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि मानदंडों के खिलाफ जाकर कृषि भूमि को उप्पल चड्ढा हाई-टेक डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित किया गया, क्योंकि इसका भूमि उपयोग बदलकर आवासीय कर दिया गया था और इसके लिए कोई रूपांतरण शुल्क नहीं लिया गया था। इस फर्म में उप्पल चड्ढा हाई-टेक डेवलपर्स और सन सिटी हाई-टेक इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड जैसे दो डेवलपर्स शामिल हैं। कैग ने कहा है कि तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार ने 23 अप्रैल, 2010 को एक आदेश जारी किया था, जिसके बाद ये वित्तीय अनियमितताएं हुईं।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined

  • छत्तीसगढ़: मेहनत हमने की और पीठ ये थपथपा रहे हैं, पूर्व सीएम भूपेश बघेल का सरकार पर निशाना

  • ,
  • महाकुम्भ में टेंट में हीटर, ब्लोवर और इमर्सन रॉड के उपयोग पर लगा पूर्ण प्रतिबंध, सुरक्षित बनाने के लिए फैसला

  • ,
  • बड़ी खबर LIVE: राहुल गांधी ने मोदी-अडानी संबंध पर फिर हमला किया, कहा- यह भ्रष्टाचार का बेहद खतरनाक खेल

  • ,
  • विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले कांग्रेस ने महाराष्ट्र और झारखंड में नियुक्त किए पर्यवेक्षक, किसको मिली जिम्मेदारी?

  • ,
  • दुनियाः लेबनान में इजरायली हवाई हमलों में 47 की मौत, 22 घायल और ट्रंप ने पाम बॉन्डी को अटॉर्नी जनरल नामित किया