महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता नवाब मलिक ने सोमवार को एक बार फिर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के मुंबई जोनल निदेशक समीर वानखेड़े को निशाने पर लिया। इसबार उन्होंने पूछा है कि क्या वानखेड़े ने सरकारी नौकरी पाने के लिए फर्जी जाति प्रमाण पत्र जमा किया था। एनसीपी नेता मलिक ने एक कथित जन्म प्रमाण पत्र और वानखेड़े की शादी की तस्वीर को कैप्शन के साथ ट्वीट किया, "यहां से शुरू हुआ फर्जीवाड़ा, पहचान कौन।"
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जन्म प्रमाण पत्र में एनसीबी प्रमुख का नाम 'समीर दाऊद वानखेड़े' के रूप में दिखाया गया है, और तस्वीर उनकी (वानखेड़े की) डॉ शबाना कुरैशी के साथ पहली शादी की है। दरअसल बाद में उन्होंने मराठी अभिनेत्री क्रांति रेडकर के साथ शादी करने के लिए उन्हें तलाक दे दिया था।
एनसीपी नेता ने दावा किया कि जन्म प्रमाण पत्र के अनुसार, वानखेड़े एक जन्मजात मुस्लिम हैं, लेकिन कथित तौर पर एक आरक्षित श्रेणी के माध्यम से यूपीएससी की परीक्षा में शामिल हुए और भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी बन गए। नवाब मलिक ने कहा, "उन्होंने (सिविल सेवा) परीक्षा और नौकरी में आरक्षण पाने के लिए दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा किया है।"
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आगे सबूतों के साथ और अधिक खुलासा करने का वादा करते हुए एनसीपी मंत्री ने दोहराया कि पूरी क्रूज पार्टी की छापेमारी फर्जी है और महाराष्ट्र सरकार को बदनाम करने और बॉलीवुड को आतंकित करने के लिए सब कुछ किया जा रहा है। उनका इशारा शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान के मामले की तरफ था।
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वहीं, वानखेड़े ने भी नवाब मलिक के ताजा खुलासे पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने आरोपों को गलत और बेबुनियाद बताते हुए उन्हें और उनके परिवार को बदनाम कर मानसिक प्रताड़ना देने वाला बताया है। इस बीच पता चला है कि उनके खिलाफ क्रूज जहाज छापे के गवाह प्रभाकर सइल द्वारा लगाए गए आश्चर्यजनक आरोपों के मामले में जांच के लिए एनसीबी के महानिदेशक ने एक टीम को मुंबई भेजा है।
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