हालात

लोगों के जीवन में सुख, समृद्धि और आरोग्य लाता है धनतेरस, जानें इसका महत्व और पूजा की शुभ मुहूर्त

धनतेरस का पर्व कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को मनाया जाता है। बताया जाता है कि इसी दिन समुद्र मंथन के दौरान अमृत का कलश लेकर देवताओं के वैद्य धनवंतरि प्रकट हुए थे। स्वास्थ्य रक्षा और आरोग्य के लिए इस दिन धनवंतरि देवकी उपासना की जाती है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

सुख, समृद्धि और आरोग्य का पर्व धनतेरस लोगों के जीवन में खुशियां लेकर आता है। लेकिन इस पर्व को मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं हैं। सबसे महत्वपूर्ण कथा अमृत कलश की है। ज्योतिषाचार्य प्रभाकर मिश्र ने बताया कि, समुद्र मंथन के बाद भगवान धनवंतरि अमृत कलश लेकर कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी को प्रकट हुए थे। वह अमृत कलश सोने का था, जिसमें कई रत्न भी थे। सोना यानी पीली धातु की खरीददारी लोग इसीलिए करते हैं। बाद में सोना मंहगा होने के कारण सोने जैसे रंग की पीली धातु पीतल (मिश्र धातु) की खरीददारी करने लगे। पीतांबर भगवान विष्णु को पीला रंग काफी पसंद है जबकि लक्ष्मी को रजत, इसीलिए इस दिन सोना और चांदी, दोनों की खरीददारी करते हैं।

Published: undefined

पद्म पुराण की कथा के अनुसार, इस दिन भगवान धनवंतरि और यम (मृत्यु के देवता) भगवान विष्णु के सामने प्रकट हुए थे। भगवान विष्णु ने भगवान धनवंतरि को आशीर्वाद किया कि 'इसी दिन लोग अपनी आरोग्य और समृद्धि के लिए आपकी पूजा किया करेंगे'। इसके बाद भगवान विष्णु ने भगवान यम से कहा कि लोग इस दिन यमदीप भी जलाएंगे।

Published: undefined

एक अन्य कथा के मुताबिक, इसी दिन भगवान विष्णु ने वामन अवतार में असुरों के गुरू शुक्राचार्य की एक आंख फोड़ दी थी। प्रभाकर मिश्र ने बताया कि मरक डेय पुराण के अनुसार, राजा बलि की परीक्षा लेने पहुंचे वामन भगवान के कमंडल में शुक्राचार्य छिप गए थे। भगवान में इसी दिन उनकी एक आंख फोड़ दी थी, जिसके बाद वे कमंडल से बाहर आ गए।

Published: undefined

धनतेरस के दिन लोग आजकल विभिन्न प्रकार की धातुएं खरीदते हैं। ग्रह नक्षत्र के जानकार लोगों को उनकी राशि के अनुसार धातुएं खरीदने की सलाह देते हैं। मेष राशि को पीली धातु जैसे सोना और पीतल, वृष के चांदी, मिथुन के लिए कांस्य, कर्क के लिए चांदी, सिंह के लिए सोना, कन्या के लिए कांस्य, तुला के लिए सोना और चांदी, वृष्चिक के लिए तांबा, धनु के लिए पीतल, सोना और चांदी, मीन के लिए पीतल तथा मकर और कुंभ को लोहे तथा स्टील का सामान खरीदने की भी सलाह देते हैं।

पूजा का शुभ मुहूर्त

25 अक्‍टूबर 2019 को शाम 7 बजकर 8 मिनट से रात 8 बजकर 13 मिनट तक 1 घंटे और 5 मिनट की अवधि में मां लक्ष्मी और कुबेर का पूजन करने का शुभ मुहूर्त है।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined