सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मुंबई की आरे कॉलोनी में मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए पेड़ काटने पर रोक लगा दी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला आने में देर हो गई लगती है, क्योंकि मेट्रो ने कहा है कि वह मामला कोर्ट आने तक 2141 पेड़ काट चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुंबई मेट्रो के प्रवक्ता ने कहा कि अब भविष्य में और पेड़ नहीं काटे जाएंगे। हालांकि काटे गए पेड़ों को हटाकर जगह साफ व अन्य निर्माण कार्य जारी रहेंगे। प्रवक्ता ने कहा, 'हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं और अब आरे मिल्क कॉलोनी में कार शेड साइट के आसपास कोई पेड़ नहीं काटा जाएगा।'
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इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा था कि मेट्रो को जितने पेड़ काटने थे, उतने काट लिए गए हैं। इस पर याचिकाकर्ता के वकील संजय हेगड़े ने कोर्ट के सामने आशंका जताई कि कटे हुए पेड़ों को हटाने के नाम पर और पेड़ काटे जा सकते हैं, इस पर कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए। लेकिन मेट्रो के बयान से प्रतीत होता है कि सुप्रीम कोर्ट के यथास्थिति के आदेश को उसने अहमियत नहीं दी है। इसीलिए मेट्रो ने कहा है कि नए पेड़ नहीं काटे जाएंगे और कटे हुए पेड़ों को हटाने के साथ ही शेड बनाने का काम शुरु किया जाएगा।
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